नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र को आश्वस्त किया कि वह लॉकडाउन से संबंधित उसके सभी आदेशों का पालन करेगी और उसने राज्य में जमीनी हालात का आकलन करने के लिए आने वाली दो केंद्रीय टीमों को पूरा सहयोग देने का भी भरोसा दिलाया.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि यह सच नहीं है कि राज्य सरकार ने दो अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) को कोई सहयोग नहीं दिया. उन्होंने एक टीम के साथ दो बैठकें की थी और दूसरी के साथ संपर्क में थे.
राज्य के मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से कहा, ‘मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के साथ-साथ आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी केंद्र सरकार के आदेशों को लागू किया जाएगा.’
IMCT had arrived without any prior consultation with us and, therefore, there was neither such opportunity to provide any logistic support as envisaged in the order dated 19th April 2020 nor the team asked for any help: WB Chief Secy to Union Home Secy, in a letter dated April 21 pic.twitter.com/vHNuD1gEBD
— ANI (@ANI) April 22, 2020
राज्य सरकार को पूर्व सूचना के बिना केंद्रीय टीमों के कोलकाता पहुंचने पर केंद्र और राज्य के बीच विवाद शुरू हो गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने यात्रा को ‘रोमांचक पर्यटन’ करार दिया और कहा था कि संघीय ढांचे के सिद्धांतों का उल्लंघन किया गया है. वहीं भाजपा ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार महामारी के बारे में आंकड़े छुपा रही है.
बाद में केंद्र ने हस्तक्षेप किया और केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को पत्र लिख कर कानून के प्रावधानों और उच्चतम न्यायालय के आदेश का जिक्र किया था.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को लिखे एक पत्र में कहा था कि यह मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है कि कोलकाता और जलपाईगुड़ी का दौरा करने वाली दोनों अंतर-मंत्रालयीय केंद्रीय टीमों को राज्य और स्थानीय प्रशासन द्वारा अपेक्षित सहयोग नहीं दिया गया है.
भल्ला ने कहा कि वास्तव में, उन्हें यात्रा करने, स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बातचीत करने और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करने से विशेष रूप से रोका गया है.
केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीमों को पश्चिम बंगाल के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में भी भेजा गया है ताकि उन राज्यों में कोरोनावायरस महामारी से उत्पन्न स्थिति का मूल्यांकन किया जा सके.