नई दिल्ली: गृहमंत्रालय ने ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में कोविड-19 की स्थिति के आकलन के लिये पहुंचे केंद्रीय दल के साथ सहयोग नहीं कर रही है. गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल में केंद्रीय दल के काम में बाधा डालना लॉकडाउन लागू करने में बाधा डालने के बराबर है.
गृहमंत्रालय ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार कोलकाता और जलपाईगुड़ी का दौरा करने वाले केंद्रीय दलों को न तो राज्य और न ही स्थानीय प्रशासन का सहयोग मिल रहा है. जिसके बाद केंद्रीय दलों ने क्षेत्रों का दौरा करने से रोक दिया है. प्रवक्ता ने यह भी बताया कि केंद्रीय दलों को स्थिति का आकलन करने की अनुमति भी नहीं दी जा रही है, टीम को राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों से मिलने से रोका जा रहा है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए गठित केन्द्रीय दलों के राज्य के दौरे की जानकारी गुप्त रखने का आरोप लगाए जाने के बाद, अब एक पैनल के एक सदस्य ने राज्य सरकार पर सहयोग ना करने का आरोप लगाया है.
केंद्र सरकार ने कोविड-19 के लिए बनाई विशेष टीम
केन्द्र सरकार ने सोमवार को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने के लिए छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया है
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 को लेकर मुंबई, पुणे, इंदौर, जयपुर, कोलकाता और पश्चिम बंगाल के कुछ अन्य स्थानों पर हालात ‘विशेष रूप से गंभीर’ हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस का संक्रमण और फैलने का खतरा है.
राज्य में भेजे गए दो दलों में से एक के सदस्य अपूर्व चंद्रा ने दावा किया कि उन्हें कहा गया है कि वे मंगलवार को ‘ बाहर नहीं जाएंगे’.
रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव चंद्रा ने कहा, ‘ हमें केन्द्र सरकार ने तैनात किया है और तैनाती के हमारे आदेशानुसार राज्य सरकार हमें जरूरी साजोसामान मुहैया कराएगी….. मैं मुख्य सचिव के सम्पर्क में हूं और यहां आने के बाद से ही उनसे मदद मांग रहा हूं.’
उन्होंने एक टीवी चैनल से कहा, ‘ मैंने कल उनसे मुलाकात भी की थी. लेकिन आज हमें बताया गया कि कुछ समस्याओं के चलते हम आज बाहर नहीं जा सकते. मुख्य सचिव हमसे मिलने आने वाले हैं और हम फिर उनके साथ बैठक करेंगे.’
चंद्रा ने कहा कि दल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दौरे को और अधिक कारगर बनाने के लिए वे राज्य अधिकारियों के साथ बाहर जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘ लेकिन अब एक दिन बीत चुका है और हमने केवल एनआईसीईडी (एक आईसीएमआर केन्द्र) और राज्य सचिवालय का दौरा किया है.’
पश्चिम बंगाल में दल भेजने पर आपत्ति जताते हुए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह का कदम एकपक्षीय और अनपेक्षित है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आकलन के लिए टीम द्वारा अपनाए जाने वाले वे आधार साझा करने को कहा था, जिनके बिना उनकी सरकार ‘आगे कोई कदम नहीं उठा पाएगी’ .
तृणमूल नेताओं ने केन्द्रीय दलों के पश्चिम बंगाल दौरे पर सवाल उठाए
तृणमूल कांग्रेस ने अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) के पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस प्रभावित जिलों के दौरे को ‘एडवेंचर ट्यूरिज्म’ करार देते हुए पूछा कि ये दल उन राज्यों में आकलन के लिए क्यों नहीं गए जहां कोविड-19 के मामले और प्रभावित इलाके अधिक हैं.
डिजिटल मंच पर एक संवाददाता सम्मेलन में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंदोपाध्याय ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दल के वहां पहुंचने के करीब तीन घंटे बाद इसकी जानकारी दी गई, जो कि अस्वीकार्य है.
ओ ब्रायन ने कहा, ‘ आईएमसीटी दल ‘एंडवेंचर ट्यूरिज्म’ पर है. मुख्यमंत्री को दल के पहुंचने के तीन घंटे बाद इसकी जानकारी दी गई.’
उन्होंने केन्द्रीय दलों के गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश ना जाने पर भी सवाल उठाए, जहां कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले और प्रभावित इलाके हैं.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने पूछा कि केन्द्रीय दलों को पश्चिम बंगाल क्यों भेजा गया जबकि संक्रमित राज्यों की सूची में वह शीर्ष 10 में भी नहीं है?
उन्होंने कहा, ‘केन्द्र को यह स्पष्ट करना होगा. मुख्यमंत्री को दल के पहुंचने के बाद ही क्यों उनके आने की जानकारी दी गई? संघीय ढांचे के तहत आपको पहले राज्य सरकार को बताना होता है. इन दलों को भेजने के पीछे का लक्ष्य स्पष्ट नहीं है। पहले इसे स्पष्ट किए जाने की जरूरत है.’
(भाषा के इनपुट्स के साथ)