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Thursday, 19 December, 2024
होमदेशअपराध8 साल से फेसबुक पर ‘निशा जिंदल’ बनकर रवि फैला रहा था सांप्रदायिकता, पुलिस ने सच्चाई कराई पोस्ट

8 साल से फेसबुक पर ‘निशा जिंदल’ बनकर रवि फैला रहा था सांप्रदायिकता, पुलिस ने सच्चाई कराई पोस्ट

सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. एक युवक की तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा है- मैं निशा जिंदल हूं. मैं पुलिस कस्टडी में हूं.

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नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. एक युवक की तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा है- मैं निशा जिंदल हूं. मैं पुलिस कस्टडी में हूं. इस स्क्रीनशॉट के पीछे की कहानी रोचक है. रायपुर के 31 वर्षीय रवि पुजार पिछले आठ साल से निशा जिंदल बनकर दोहरी जिंदगी जी रहा था. उसकी फेसबुक आईडी में राज्य के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी भी ऐड थे. यही नहीं करीब 10 हजार लोग उसे फॉलो भी करते थे और चार हजार से ज्यादा दोस्त थे.

मुस्लिमों को खिलाफ पोस्ट | सोशल मीडिया.

रवि को पकड़ने वाली टीम के पंकज चंद्र ने दिप्रिंट को बताया, ‘पिछले कुछ दिनों से हमारे पास शिकायत आ रही थी. निशा जिंदल नाम की कोई महिला लगातार सांप्रदायिक पोस्ट लिख रही थी और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैला रही थी. हमने उस पर नजर रखना शुरू किया. उसकी आईडी से कभी सैनिटाइजर बांटने की पोस्ट आती तो कभी सरकार को कोरोना से जुड़ी गंभीर सलाह. लेकिन 10 दिन पहले उसने घोषणा की कि भारत सरकार 10 हजार वैंटिलेटर देने वाली है. उसी के बाद हम चौकन्ने हो गए कि कौन है ये शख्सियत जो इतनी बड़ी घोषणा कर रही है.’

वो आगे जोड़ते हैं, ‘निशा की प्रोफाइल पर हाल ही में अपडेट किया गया था कि वो यूएन सिक्योरिटी काउंसलिंग में एडवाइजर के तौर पर भी कार्यरत हैं. इसके अलावा दुनिया के बेहरतरीन संस्थानों के साथ भी काम कर चुकी हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से स्कॉलर भी रह चुकी हैं. हमें भी लगा कि कहीं गलती न कर दें. इसलिए सबसे पहले हमने इन संस्थानों में फोन करके पता लगाया कि निशा जिंदल नाम की महिला उनके साथ काम करती हैं या नहीं. जब कई संस्थानों ने मना किया तो हमारा शक बढ़ गया.’

रवि पर रायपुर पुलिस ने 153ए, आईपीसी 295 ए, और 67सी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. उसके पास से चार मोबाइल फोन और एक लैपटॉप भी जब्त किया गया है.

रवि पुजार को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने सच्चाई कराई पोस्ट | सोशल मीडिया

रवि के बारे में पुलिस ने बताया कि उसने 2009 में एक लोकल प्राइवेट कॉलेज में इंजीनियरिंग के लिए दाखिला लिया लेकिन कभी डिग्री हासिल नहीं कर पाए. जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा तो उन्होंने दो ही बातें कही- ये सब मैं मजे लेने के लिए करता था और मुझे आत्मसंतुष्टि होती थी. पुलिस ने बताया कि जब उसे पकड़ा गया तो थाने में लाते ही उससे- मैं ही हूं निशा जिंदल जान बूझकर पोस्ट कराया गया ताकि उन 10 हजार लोगों को सच पता चल जाए.

अपनी आईडी में रवि किसी गंभीर अधिकारी की तरह के पोस्ट भी करता था और विश्व की बड़ी संस्थाओं के साथ काम करने का दावा. लेकिन कभी कभार अपनी लिस्ट के पुरुषों के लिए कुछ इस तरह की पोस्ट भी करता था कि मैं 35 की हो गई हूं, सुंदर हूं और सिंगल भी हूं.

पुलिस का कहना है कि अभी उसकी आईडी से डिटेल्स निकाली जा रही है कि कहीं उसने ब्लैकमेलिंग से पैसे तो नहीं ऐंठे हैं या फिर क्राउडफंडिंग के जरिए पैसे कमाए हों. साथ ही उसके मैसेंजर से डिलीट किए जा चुके मैसेजेज की भी हिस्ट्री निकलवा रही है. क्योंकि उसकी लिस्ट में कई नौकरशाह जुड़े हुए थे.

रवि ने अपनी आईडी में पाकिस्तानी एक्ट्रेस मिरहा पाशा की तस्वीरें लगाई हुई हैं. लोगों को शक न हो इसलिए उसने छह फेक आईडी बनाकर उन्हें निशा जिंदल की प्रोफाइल में फैमिली मेंबर्स के तौर पर ऐड कर लिया. और समय समय पर उनकी तारीफ में पोस्ट भी करता. पुलिस के मुताबिक उसके सपने बिल गेट्स और सुंदर पिचाई बनने के थे.

रवि को पकड़ने वाली टीम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख, आईपीएस अभिषेक महेश्वरी, साइबर सेल की टीम और एएसपी पंकज चंद्रा शामिल थे. 10 दिन की मेहनत के बाद उसे धरा जा सका. वो एक पोस्ट करने के बाद मोबाइल फोन बंद कर देता था इसलिए पुलिस को उसकी लोकेशन ट्रेस करने में काफी दिक्कत हुई.

रवि एक साधारण परिवार से आता है. उसके पिता आवास व पर्यावरण विभाग में ऑफिस सुपरिटेंडेंट का काम करते हैं. परिवार में चार लोग हैं. पुलिस के मुताबिक परिवार को जब रवि के बारे में ये सब पता चला तो वो शॉक्ड और ह्यूमिलेट हुए. हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख ने परिवार को समझाया और परेशान न होने के लिए कहा.

फिलहाल निशा जिंदल की आईडी से लोग खुद ही अलग हो जा रहे हैं. पुलिस जल्द ही उसकी आईडी को डिलीट करेगी.

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