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Thursday, 19 December, 2024
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कैबिनेट के अभाव में शिवराज ने 11 आईएएस के हाथों में दी कोरोना से निपटने की कमान

सभी आईएएस अफसर एक पेज की अपनी जिलेवार रिपोर्ट हर दो दिन में एक बार मुख्य सचिव को देंगे.पहली रिपोर्ट सभी से 20 अप्रैल तक मांगी गई है. सभी अफसर अपने जिले के संबंधित जनप्रतिनिधियों,आम नागरिकों आदि से फोन के जरिए फी​डबैक लेंगे.

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र, दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश कोविड-19 के संक्रमण के मामले में ‘हॉटस्पाट’ बनकर उभरा है. मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों का प्रतिशत भी अधिक है और राज्य में स्वास्थ्य मंत्री न होने को भी इस संकट से ठीक से न निपट पाने का कारण माना जा रहा है. अब सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोविड-19 से मुकाबले का पूरा दारोमदार मंत्रिमंडल के अभाव में अफसरशाही के हाथों में सौप दिया है.

भाजपा की सरकार कोरोनावायरस संक्रमण के दौर में बनी. मुख्यमंत्री पद की शपथ अकेले शिवराज चौहान ने ली और तब से आज तक उनके मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया है. राजधानी भोपाल से ही शिवराज सिंह अब तक इंदौर, उज्जैन से लेकर 22 जिलों तक फैल चुके कोरोना से निपटने में अकेले जुटे नज़र आ रहे थे. स्थिति को बिगड़ता देख दो दिन पहले उन्होंने एक 11 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया जिसमें भाजपा के सदस्य के साथ और पूर्व कांग्रेस सरकार के स्वास्थ्य मंत्री भी थे. अब बुधवार को सचिव स्तर के अधिकारियों को जिले वार जिम्मेदारी सौंपकर कोरोना से लड़ाई में मुसतैदी लाने की कोशिश की जा रही है.

राज्य में कोरोनावायरस से निपटने के लिए 11 सीनियर आईएएस अधिकारियों को अब 52 जिलों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित शहरों इंदौर, भोपाल और उज्जैन की मॉनिटरिंग करेंगे. वहीं अन्य 10 आईएएस को राज्य के 49 जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ये सभी अधिकारी जिलों के संक्रमण और उसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा करेंगे.

इस दौरान वे अपने जिले के संबंधित जनप्रतिनिधियों, आम नागरिकों आदि से फोन के जरिए फी​डबैंक लेंगे. वहीं कोरोनावायरस को लेकर स्थानीय पुलिस और प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों की अलग से समीक्षा करेंगे. सभी आईएएस अफसर 1 पेज की अपने जिलेवार रिपोर्ट हर दो दिन में एक बार मुख्य सचिव को देंगे. पहली रिपोर्ट सभी से 20 अप्रैल तक मांगी गई है. आईएएस मनु श्रीवास्तव -श्योपुर, मुरैना,भिंड दतिया, ग्वालियर का जिम्मा संभालेंगे. आईएएस नीरज मंडलोई को बैतूल, होशंगाबाद, हरदा ,सीहोर और आईएएस रश्मि अरुण शमी को रतलाम, शाजापुर, आगर, मंदसौर और नीमच की जिम्मेदारी सौंपी गई है.


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​इसके अलावा आईएएस दीपाली रस्तोगी को धार,अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी और बुरहानपुर की. आईएएस नीतेश व्यास सागर ,दमोह ,पन्ना ,छतरपुर, टीकमगढ़ ,निवाड़ी और आईएएस डीपी आहूजा को जबलपुर, कटनी , नरसिंहपुर, खंडवा और छिंदवाड़ा का प्रभार सौंपा गया है. वहीं आईएएस मुकेश गुप्ता को सिवनी मंडला, डिंडोरी और बालाघाट और आईएएस पवन शर्मा देवास, रीवा, सिंगरौली, सीधी और सतना की जिम्मा दिया गया है. ​वरिष्ठ आईएएस कविंद्र कियावत गुना, अशोकनगर ,उमरिया, शहडोल ,अनूपपुर और बी.चंद्रशेखर रायसेन, राजगढ़ विदिशा और शिवपुरी देखेंगे.

हाईकमान से मंजूरी का इंतज़ार, छोटी होगी कैबिनेट

राज्य में अकेले लड़ाई लड़ रहे ​प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान जल्द ही अपनी टीम का गठन कर सकते हैं. दिप्रिंट हिंदी से बातचीत में भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने नाम ने छापने के अनुरोध पर कहा, ‘लॉकडाउन के आगे बढ़ने से सबसे ज्यादा निराशा मंत्री बनने वाले दावेदार विधायकों को हो रही है. कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों पर सीएम चौहान ने विचार विमर्श शुरू कर दिया. लेकिन अंतिम निर्णय हाईकमान को ही करना है.’

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, प्रदेश का पार्टी संगठन भी चाहता है कि जल्द ही विस्तार हो लेकिन इसमें फिल्हाल पांच से सात ही मंत्री को रखा जाए. सिंधिया के खेमे से केवल पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के नाम पर ही निर्णय हो सका है. बाकि वरिष्ठता के आधार पर हर वर्ग से एक एक प्रतिनिधि रखने पर विचार किया गया है.’

क्या टास्क फोर्स दे सकेंगी अधिकारियों को निर्देश,सीएम चौहान रहे चुप

हाल ही में भाजपा ने बिगड़ते हुए हालात को संभालने के लिए सरकार और संगठन में समन्वय बनाने के लिए टास्क फोर्स बनायी थी. इसमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा इस टास्क फोर्स के संयोजक है. सीएम समेत इसमें दस वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल किए गए है. इस टास्क फोर्स में कांग्रेस के बागी विधायक और सिंधिया के खेमे के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को भी जगह दी गई थी.


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हाल ही में इस टास्क फोर्स की जूम एप के जरिए कांफ्रेसिंग भी हुई थी. इसमें शामिल एक सदस्य ने बताया कि कई भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री चौहान से पूछ लिया कि टास्क फोर्स की भूमिका क्या होगी. क्या यह प्रशासनिक व्यवस्था में सीधे कोई निर्देश दे सकेंगी, क्योंकि इनके पास कोई संवैधानिक पद नहीं है. विजयवर्गीय के इस सवाल पर सीएम ने कोई भी टिप्पणी नहीं की थी.अहम बात यह है कि प्रदेश में इस टास्क फोर्स का गठन केवल कोरोना आपदा से निपटने के लिए ही किया गया है.

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 867 पहुंच गया है. इनमें सबसे ज्यादा इंदौर 569, भोपाल 168, उज्जैन 27 में है. इससे अब तक 53 मौते हो चुकी है. इनमें इंदौर 37, उज्जैन 6, भोपाल 5, खरगोन 3, छिंदवाड़ा में एक और देवास में एक मौत हुई है.

अब देखने वाली बात यह होगी कि बिना कैबिनेट और स्वास्थ्य मंत्री के सिर्फ आईएसएस अफसरों और भाजपा के अधिकारियों  से वाछित टास्फ फोर्स के सहारे मध्यप्रदेश कोरोना को कैसे हरा पता है.

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