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Friday, 22 November, 2024
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कोविड-19: सरकार ने 1.7 करोड़ पीपीई और 49 हज़ार वेंटिलेटर के दिए ऑर्डर

कोरोनावायरस महामारी से जुड़ी ताज़ा जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 17 लोगों को इससे अपनी जान गंवानी पड़ी है.

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नई दिल्ली: देशभर में कोरोनावायरस से संक्रमित कुल मामले बढ़कर 5,734 हो गए हैं. पिछले 24 घंटों में 549 नए मामले सामने आए हैं. अब तक इस वायरस से 166 लोगों की मौत हो चुकी है और 473 लोग ठीक भी हुए हैं.

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 के मद्देनज़र 15 हज़ार करोड़ रुपए की राशि आवंटित की है.

कोरोनावायरस महामारी से जुड़ी ताज़ा जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के उप सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 17 लोगों को इससे अपनी जान गंवानी पड़ी है. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि पीपीई और वेंटिलेटर की कमी से जूझ रहे देश को उम्मीद रखने की ज़रूरत है क्योंकि इनकी सप्लाई शुरू हो गई है.

उन्होंने कहा, ‘देश में 20 घरेलू उत्पादकों को पीपीई बनाने के लिए तैयार किया गया है. 1.7 करोड़ पीपीई के ऑर्डर दिए गए हैं और इनकी सप्लाई भी शुरू हो गई है. 49,000 वेंटिलेटरों के भी ऑर्डर दिए गए हैं.’ आगे की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि रेलवे ने 2500 डॉक्टर और 35,000 पैरामेडिक स्टाफ़ को इस लड़ाई में तैनात किया है.

उन्होंने कहा, ‘रेलवे की 586 हेल्थ यूनिट, 45 सब डिविजनल हॉस्पिटल, 56 डिविजनल हॉस्पिटल, 8 प्रोडक्शन यूनिट हॉस्पिटल और 16 ज़ोनल हॉस्पिटल की चेन अपनी पूरी सेवा तत्परता से कोरोना के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में दे रहे हैं.’

आईसीएमआर द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया कि अभी तक 130,000 सैंपल टेस्ट किए गए हैं. इनमें से 5,734 सैंपल पॉज़िटिव पाए गए हैं. पिछले एक से डेढ़ महीने में पॉज़िटिव मरीज़ों की संख्या 3-5 प्रतिशत के बीच रही है. आईसीएमआर ने कहा कि पॉज़िटिव पाए जा रहे लोगों की संख्या में कोई ख़ास वृद्धि नहीं पाई गई है.

वहीं, ये भी बताया गया कि बुधवार को कुल 13,143 सैंपल टेस्ट किए गए. लव अग्रवाल ने कहा कि 5,000 रेलवे कोच में 80,000 आइसोलेशन बेड बनाए जा रहे हैं. इनमें से 3,250 बेड तैयार भी हो गए हैं. करनाल में लोगों ने ज़रूरतमंद परिवारों को गोद लिया है.


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अग्रवाल ने पीपीई की कमी से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा कि पीपीई हर किसी को नहीं चाहिए. ‘रैशनाइलेज़ेशन ऑफ़ पीपीई‘ से जुड़ी गाइडलाइन पहले ही जारी की गई है और ये स्वास्थ्य की वेबसाइट पर मौजूद है. उन्होंने कहा, ‘चाहे हमारे पास इसकी कितनी भी संख्या हो, ये सबको नहीं दिया जा सकता.’

फिर उन्होंने आगे की जानकारी देते हुए कहा, ‘ये सिर्फ़ हाई रिस्क ज़ोन में चाहिए. बाकी की स्थितियों में मास्क और ग्लब्स पर्याप्त हैं. सरकार अन्य राज्यों को पर्याप्त मात्रा में पीपीई उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है.’ उन्होंने ये भी कहा कि एन-95 मास्क को आठ घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है. इससे कम समय तक इसे इस्तेमाल करना इसकी बर्बादी है.

हाल ही में अमेरिका को भेजी गई मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) से जुड़ी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि एचसीक्यू सिर्फ कोरोना पीड़ितों के कॉन्टैक्ट में आए लोगों, मरीज़ों का इलाज कर रहे और उनका देखभाल कर रहे लोगों के लिए है.

उन्होंने कहा, ‘इसे सीमित मात्रा में इस्तेमाल किया जा रहा है. ये दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और आगे भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होगी.’

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