scorecardresearch
Thursday, 19 December, 2024
होमराजनीति'गरीब कहेंगे कि मैं कैसा प्रधानमंत्री हूं, मैं माफी मांगता हूं'- मन की बात में बोले पीएम मोदी

‘गरीब कहेंगे कि मैं कैसा प्रधानमंत्री हूं, मैं माफी मांगता हूं’- मन की बात में बोले पीएम मोदी

पीएम ने कहा, 'मैं आपकी परेशानी समझता हूं. लेकिन देश की 130 करोड़ जनता के लिए ये कड़े कदम उठाने जरूरी थे क्योंकि ये जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई है.'

Text Size:

नई दिल्ली: कोरोनावायरस के चलते हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारी संख्या में बिहार, उत्तर प्रदेश और अपने गृहराज्य को निकले मजदूरों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुस्सा तो जाहिर जरूर किया लेकिन कोई सीधा संदेश उन्हें देने से बचते नज़र आए. हां इस बार ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से माफी जरूर मांगी है. उन्होंने देश की जनता को हो रही ‘असुविधा’ के लिए माफी मांगी है. उन्होंने क्षमा मांगते हुए कहा है, ‘लोग सोच रहे होंगे कि ये कैसा प्रधानमंत्री है जिसने हमें परेशानी में छोड़ दिया है तो मैं अपने गरीब भाइयो-बहनों से माफी मांगता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं आपकी परेशानी समझता हूं. लेकिन देश की 130 करोड़ जनता के लिए ये कड़े कदम उठाने जरूरी थे क्योंकि ये जिंदगी और मौत के बीच की लड़ाई है. दुनिया के हालात देखकर एक यही रास्ता समझ आता है. मैं आपको जो भी असुविधा हुई है, उसके लिए माफी मांगता हूं.’

रविवार को ग्यारह बजे शुरू मन की बात में पीएम मोदी आगे जोड़ते हैं कि ये एक ऐसा वायरस है जो ना गरीब को छोड़ रहा है और ना संपन्न को. ना ही ज्ञान देख रहा और ना ही विज्ञान. ये वायरस इंसान को समाप्त करने की जिद करके बैठा है इसलिए इस बीमारी और इसके प्रकोप से शुरू में ही लड़ना चाहिए.

भ्रम न पालें-लक्ष्मण रेखा में रहें

पीएम ने उनलोगों जो लॉकडाउन का पालन करने को दूसरों पर एहसान जता रहे हैं पीएम ने उन्हें भी कड़ा संदेश दिया. पीएम ने कहा, ‘कुछ लोगों को लगता है कि वो लॉकडाउन का पालन करके सिर्फ दूसरों की मदद कर रहे हैं. ये भ्रम पालना सही नहीं है. ऐसा करने आप अपनी और अपने परिवार की मदद कर रहे हैं. आपको लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी है. जो लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं उनको समझना चाहिए दुनिया में बहुत से लोग भी इस तरह की खुशफहमी में थे.’


यह भी पढ़ें: कोविड-19 जैसा संकट देश की मजबूती और कमजोरी का भी खुलासा कर देता है


पीएम मोदी आगे जोड़ते हैं कि आरोग्य ही सबसे बड़ा भाग्य है. कानून तोड़ने वाले लोग अपने जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. पीएम मोदी ने बताया कि इस मन की बात के लिए उन्होंने फ्रंट लाइन सिपाही यानि कि नर्स, डॉक्टरों और पैरा मेडिकल साथियों से बात की और उनका उत्साह बढ़ाया. मन की बात में उन्होंने ऐसे कुछ सिपाहियों से मिलवाया भी.

पीएम ने इसबार मन की बात में कोरोनावायरस से जंग जीत चुके लोगों से भी बात की और उन्हें कहा कि वह आगे आएं और देशवासियों को बताएं कि यह लड़ाई है जिससे डरना नहीं है.पीएम ने इस दौरान हैदराबाद के आईटी सेक्टर के गंपा से बात की वहीं आगरा में एक ही परिवार के पांच लोगों के संक्रमित हो चुके मिस्टर कपूर से भी बात की.

कोरोना से लड़ाई लड़ चुके हैदराबाद के गंपा तेजा ने पीएम मोदी से बातचीत में कहा, ‘वह आईटी सेक्टर से जुड़े हैं और एक मीटिंग के सिलसिले में दुबई गए थे. वहां से लौटने के तीन चार दिन बाद हल्का बुखार आया जिसके बाद वो हैदराबाद के गांधी हॉस्पिटल में एडमिट हो गए. यहां उन्हें पता चला कि वो कोरोना पॉजीटिव हैं.’

पीएम मोदी तेजा से पूछा, ‘बीमारी के बारे में पता लगने पर आपके दिमाग में क्या चल रहा था?

तेजा बोले, मैं बहुत डर गया था. मुझे पहले तो यकीन ही नहीं हुआ कि मुझे कोरोना हो गया है लेकिन बाद में डॉक्टर और नर्स लगातार मेरा आत्मविश्वास बढ़ाते रहे. मैं 14 दिन बाद ठीक होकर घर आ गया.’

तेजा ने बताया कि अस्पताल से लौटने के बाद वो अपने कमरे में ही रह रहे हैं, मास्क पहन रहे हैं और बार-बार हाथ धो रहे हैं. इसपर पीएम मोदी तेजा से अपने अनुभव को ऑडियो के तौर पर सोशल मीडिया पर वायरल कराने की भी सलाह दी कि लोगों तक अपनी बात पहुंचाइए.

आगरा के 73 वर्षी अशोक कपूर का जूतों के मैन्यूफैक्चरिंग का काम है. उनके दो बेटे और दामाद इसी काम के सिलसिले में इटली गए थे जब लौटे तो दामाद को कोरोना पॉजिटिव पाया गया. उसके बाद कपूर के पूरे परिवार का टेस्ट किया गया तो 6 सदस्य इस वायरस से संक्रमित निकले जिसमें उनका 16 साल का पोता भी शामिल था. कपूर बताते हैं कि उन्हें सफदरजंग लाया गया जहां उनका इलाज चला और पूरा परिवार ठीक होकर अपने घर आ गया.

पीएमो मोदी ने उन्हें भी वीडियो जारी कर सोशल मीडिया पर वायरल करने की सलाह दी जिसपर कपूर ने बताया को पहले ही चैनल्स को अपने वीडियो भेज चुके हैं ताकि दूसरे लोगों तक बात पहुंचे. पीएम ने उनसे गरीब लोगों की मदद करने की बात भी कही.

डॉक्टर से बात कर बढ़ाया हौंसला

इसके अलावा पीएम मोदी ने दिल्ली के डॉक्टर नीतिश गुप्ता और पुणे के डॉक्टर बोरसे को भी अपने कार्यक्रम से जोड़ा और कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में वो डॉक्टरों के साथ हैं. पीएम मोदी ने जनसेवा को प्रभुसेवा बताते हुए डॉक्टरों के अनुभव भी जानने चाहे. डॉक्टरों ने बताया कि बार-बार साबुन से हाथ धोएं, मास्क लगाकर रहें, खांसे तो रूमाल ढंककर ही खांसे और छह फीट की दूरी बनाकर रहें. 14 दिन के एकांतवास का पालन करें.

इसके बाद पीएम ने आचार्य च्रक की बात को याद करते हुए कहा कि धन और खास कामना को लेकर नहीं बल्कि मरीज के प्रति दयाभावना रखने वाला ही सर्वश्रेष्ठ चिकित्सक होता है. उन्होंने एक और बात का जिक्र किया कि 2020 को ईयर ऑफ नर्स और मिडवाइफ के तौर पर मनाया जा रहा है जो 1820 में जन्म लेने वाली फ्लोरेंस नाइटएंगल के सम्मान में मनाया जाता है. ये साल पूरे नर्सिंग समुदाय के चुनौती लेकर आया है. इसलिए सरकार ने 20 लाख नर्सिंग साथियों के लिए 50 लाख रुपए की बीमे की घोषणा की है.
इसके अलावा पीएम ने बैंकर्स, ड्राइवरों, दुकानदारों, डिलीवरी करने वालों, इंटरनेट को चालू रखने वालों का भी विशेष तौर पर नाम लिया कि अगर हम घर पर रह पा रहे हैं तो ये डेली हीरो अपनी जिंदगी हमारे लिए खपा रहे हैं. इसलिए देश का कामकाज चला रहे लोगों को अपनी सुरक्षा का ख्याल भी रखना है.
पिछले दिनों कोरोना के मरीजों, डॉक्टरों और पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार पर भी पीएम मोदी ने खेद जताया. उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीज, अपराधी नहीं है. ये समय सोशल डिस्टैंसिंग का जरूरी है लेकिन आप इमोशनल डिस्टैंसिंग को कम करिए.
पीएम मोदी ने ये भी बताया कि वो जल्द ही कुछ वीडियो रिलीज करेंगे जहां बाकी लोग जान सकेंगे कि वो लॉकडाउन के समय क्या कर रहे हैं. पीएम मोदी अपनी बात खत्म करते करते एक बार फिर गरीबों के प्रति संवेदनशील होने की बात पर जोर देते हुए कहते हैं कि ये समय अभूतपूर्व भी है और चुनौतीपूर्ण भी. इसलिए आपका संयम ही देश को बचाएगा. कोरोना की इस जंग को हम लडेंगे और जीतेंगे. अगले महीने तमाम संकटों को मात देकर मिलेंगे.
share & View comments

3 टिप्पणी

  1. Social distancing the best solution and people in our country who are chronic patients and take regular medicines for diabetic, cardiac and other vital organs be taken care of by doctors in Regular way otherwise they will have serious danger to their lives and in our country their population is quite significant ! Jyoti ji May like to take out datas for their welfare!

  2. सर जिसके पास रासन कार्ड नही है उसको रासन दिया जाएगा कि नही अगर रासन नही मिलेगा तो कोरोना से ज्यादा तो आदमी लोग भूख से मार जाएगा कृपा करें सर की हम सब को रासन मुफ्त में दिलाने की महान कृपा करें
    धन्यवाद

  3. सर पूरे देश को राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड से राशन वितरण करे, मैं इसलिए बोल रहा हूँ की ऐसे कितने बेक्ति है कि अभी तक राशन कार्ड नही बना है तो हमारे बीवी बच्चे क्या खाएंगे काम चल रहा था तो कोई दिक्कत नही था
    धन्यवाद

Comments are closed.