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Friday, 22 November, 2024
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जी-20 के देश वैश्विक अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए देंगे 5 ट्रिलियन डॉलर, भारत ने की नए वैश्वीकरण की मांग

मोदी ने पूरे मानवता की बेहतरी के लिए नये वैश्वीकरण का आह्वान किया और रेखांकित किया कि चिकित्सा शोध मुफ्त और सभी देशों के लिए उपलब्ध होना चाहिए.

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नई दिल्ली: दुनिया कोरोनावायरस की महामारी का सामना कर रही है. इस बीच प्रधानमंत्री ने गुरुवार को नए वैश्वीकरण और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को रिफार्म की बात की. वहीं जी-20 के देशों ने कोरोनावायरस से बिगड़ती दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की है.

शक्तिशाली जी-20 समूह का आह्वान किया कि वे वैश्विक समृद्धि और सहयोग के केंद्र में आर्थिक लक्ष्य के बजाय मानव को रखें.

जी-20 के देशों ने कोविड19 के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के मदद की बात की है.

प्रधानमंत्री ने जी 20 के इस असाधारण सत्र को बुलाने के लिए सऊदी अरब के राजा का धन्यवाद किया.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि जी-20 समूह के नेताओं को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)जैसे संगठनों की क्षमता बढ़ाने के अलावा नया संकट प्रबंधन दिशानिर्देश और प्रक्रिया बनाने की वकालत की.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जी-20 को कोरोनावायरस की महामारी के चलते उत्पन्न हालात को देखते हुए गरीब देशों की आर्थिक परेशानी को कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. बता दें कि कोरोनावायरस के संक्रमण से दुनिया में करीब 21 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और चार लाख 70 हजार से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं.

मोदी ने पूरे मानवता की बेहतरी के लिए नये वैश्वीकरण का आह्वान किया और रेखांकित किया कि चिकित्सा शोध मुफ्त और सभी देशों के लिए उपलब्ध होना चाहिए.

उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ का सशक्तीकरण वैश्विक महामारी से मुकाबला करने के लिए टीका विकसित करने के लिए जरूरी था.

सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा, ‘चलिए हम वैश्विक समृद्धि और सहयोग की हमारी परिकल्पना के केंद्र में आर्थिक लक्ष्यों के बजाय मानव को रखें.’

प्रधानमंत्री ने एक अधिक अनुकूल, उत्तरदायी, सस्ती और मानव स्वास्थ्य सेवा प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया जो स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए विश्व स्तर पर लागू की जा सके.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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