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Friday, 22 November, 2024
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देशव्यापी लॉकडाउन पर सरकार के समर्थन में चंद्रशेखर, कहा- गरीबों को मिले पैसा और अनाज

आसपा प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने कोरोना पर सरकार को कड़े कदम उठाने लेने को कहा है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार कड़े फ़ैसले लेती है तो वो सरकार के साथ खड़े होंगे लेकिन देश के हालात ठीक होते ही सीएए के खिलाफ धरना देंगे.

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नई दिल्ली: आज़ाद समाज पार्टी (आसपा) प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने कोरोना पर सरकार को कड़े कदम उठाने लेने को कहा है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार कड़े फ़ैसले लेती है तो वो सरकार के साथ खड़े होंगे. हालांकि, उन्होंने सरकार द्वारा सरकारी हॉस्पिटलों की स्थिति सुधारने से लेकर वेंटीलेटर, टेस्ट किट, मास्क समेत कोरोना से लड़ाई में तमाम ज़रूरी चीज़ों को ठीक करने और जुटाने में हुई देरी पर सराकर को घेरा भी है. उन्होंने समय रहते राहत पैकेज की घोषणा नहीं करने पर भी सरकार पर सवाल उठाया है.

चंद्रशेखर ने कहा, ‘देश में फैल रहा कोरोनावायरस संक्रमण भारत सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. सरकार कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए कड़े फैसले लेती है तो हम उनके साथ हैं. लेकिन समय रहते भारत सरकार को एक बड़े आर्थिक पैकेज का एलान कर, एक कमेटी बनाकर उससे निपटने के लिए मेडिकल सामग्री, वेंटीलेटर, जांच किट, ज़्यादा से ज़्यादा उपलब्ध कर लेती, सरकारी हॉस्पिटल में सारी सुविधा के साथ अस्थाई हॉस्पिटल बना लेती और प्राइवेट हॉस्पिटलों को इसके लिए पहले से तैयार कर लेती तो हम इससे निपटने में और अच्छी तरह कामयाब होते.’

चंद्रशेखर ने कहा कि पड़ोसी देश चीन में चार महीने पहले कोरोना फैला. बड़ी संख्या में लोग मारे गए. उन्होंने सरकार से पूछा, आखिर सरकार ने वक्त रहते क्या तैयारियां की? उन्होंने पूछा, ‘देश में कितने वेंटीलेटर हैं और जांच करने के लिए कितने किट उपलब्ध हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की जनता के सामने यह स्पष्ट करें?’

उन्होंने केंद्र सरकार को सचेत करते हुए कहा, ‘नरेंद्र मोदी कोरोना से निपटने के साथ देश के आर्थिक मामले में भी ठोस फैसले लें वरना देश की आर्थिक हालत जो पहले से बदतर है वो उस हालत में पहुंच जाएगी जहां से भारत को निकालना असंभव हो जाएगा.’

चंद्रशेखर ने कहा, ‘कोरोना को फैलने से रोकने के लिए सख्त कदम तो उठा लिए गए. लेकिन दिहाड़ी मजदूरों, पटरी दुकानदारों, रिक्शा चालको, गरीबों के लिए सरकार ने क्या इंतजाम किया है? जो भूखे मरने के मुहाने पर खड़े हैं.’

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इसको लेकर कोई भी पॉलिसी नहीं बनाई. फिर उन्होंने कहा, ‘यह 100-200 करोड़ का मामला नहीं है. कई हजार करोड़ का मामला है. इसलिए सरकार को आर्थिक पैकेज और हाई पावर कमेटी बनानी चाहिए थी जो मेडिकल से लेकर देश में पैदा होने वाले हालात से निपटती.’ उन्होंने ये भी कहा कि बेचारी राज्य सरकारें क्या कर सकती हैं? वो इतने पैसे कहां से लाएंगी?

उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि सरकार ऐसे समय अपने अन्न भंडार से सभी के लिए तत्काल राशन सामग्री मुफ्त में उपलब्ध करने और गरीबी रेखा और गरीबी रेखा से नीचे जीवन व्यतीत करने वालों को 3 महीने का एडवांस में मुफ्त राशन दे और 5000 रुपए. उन्होंने ये मांग भी की कि दिहाड़ी मजदूरों, पटरी दुकानदारों, रिक्शा चालकों, फुटपाथ पर रहने वालों के खाते में सरकार तत्काल 10,000 रुपए डाले और शहरों में रहने वालों को भरपूर राशन सामग्री और कैन्टीन से उन्हें खाना उपलब्ध कराए. वर्ना जो देश मे हालात बन रहे, भुखमरी की इतनी बड़ी महामारी खड़ी हो जाएगी की भारत सरकार के लिए उसे संभालना असंभव हो जाएगा.

आज़ाद ने कहा कि सरकार की नाकारा पॉलिसी की वजह से देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है और लोग भूख से मरने के कगार पर खड़े हैं.

अपील

उन्होंने अपील की कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सारे मुख्यमंत्री, केंद्र और राज्य के मंत्री, लोकसभा और विधानसभा सदस्य, देश के आईएएस और आईपीएस के अलावा सभी सरकारी अधिकारी 1 महीने की तनख्वाह सहायता राशी के तौर पर दें. साथ ही उद्योगपतियों से भी आर्थिक मदद की गुजारिश की है.

बहुजन समाज के हर कर्मचारी, अधिकारी (सरकारी/प्राइवेट) और उद्योगपतियों से भी अपील की गई है कि वो अपना एक दिन का वेतन राष्ट्रीय आपदा राहत कोष में दान करें.

चंद्रशेखर आज़ाद ने सरकार से सफाई कर्मचारियों को भी सुरक्षा के सभी उपकरण जल्द उपलब्ध कराने की मांग की और कोरोनावायरस से लोगों को बचाने के लिए सैनिटेशन के काम में दवाई छिड़काव के दौरान जान गंवाने वाले संदीप वाल्मिकी के परिवार को आर्थिक मदद की मांग की.

फिर करेंगे प्रदर्शन

चंद्रशेखर ने सीएए, एनआरसी, एनपीआर के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करने वालों से अपील की कि इस महामारी की वजह से वो अस्थाई तौर पर अपना धरना प्रदर्शन रोक दें. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा, ‘केंद्र सरकार कतई ये गुमान में ना रहे की ये प्रदर्शन ख़त्म कर दिए जाएंगे. हालात ठीक होने पर देशभर में आंदोलन चलेगा और शाहीन बाग में फिर धरना शुरू किया जायेगा.’

उन्होंने कहा कि ये आंदोलन तब तक चलेगा जब तक दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और मुसलमानों को तबाह करने वाला काला कानून सरकार वापस नहीं ले लेती. उन्होंने कहा अभी तक भीम आर्मी इस लड़ाई को लड़ रही थी. अब भीम आर्मी के साथ राजनीतिक पार्टी आसपा देशभर में इस लड़ाई को लड़ेगी और पीड़ितों को इंसाफ दिलाएगी.

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