वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने सोमवार को कहा कि कोरोनावायरस से अंतराष्ट्रीय स्तर पर फैली महामारी से उत्पन्न परिस्थियों का सामना करने के लिए सरकारों का एक साथ मिल कर काम करना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को इस संकट से संभालने के लिए मिल कर उसी तरह से जोरदार तरीके से खर्च करने की जरूरत है जैसा 2008 के वित्तीय संकट के समय किया गया था. आईएमएफ प्रमुख ने ब्लाग में लिखा है कि इस समय उभरते बाजारों वाली अर्थव्यवस्थाओं को भी मदद की जरूरत है क्योंकि उनके यहां से इस समय नकद धन की बहुत अधिक निकासी हो रही है.
उन्होंने कहा है, ‘वायरस के प्रसार को देखते हुए’ देशों के व्यक्तिगत प्रयासों के भी आगे बढ़ कर ‘इस समय वैश्विक स्तर पर एक समन्वित और सुचारू वित्तीय प्रोत्साहन की आवश्यकता का अधिक सशक्त तर्क बनता है.’
इस बीच कोरोना वायरस संकट के दौरान निवेशक उभरते बाजारों से 42 अरब डालर की भारी भरकम पूंजी निकाल चुके है। उन्होंने कहा कि यह अब तक की सबसे बड़ी निकासी है. जॉर्जीवा ने बड़े देशों के केंद्रीय बैंकों से अपील की है कि वे बाजार में वित्तीय दबाव को कम करने के लिए मदद करें.
भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट
शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट के कारण निवेशकों को 7.62 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी कोरोना वायरस को लेकर जारी चिंता के बीच तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 2,713.41 अंक यानी 7.96 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,390.07 अंक पर बंद हुआ. यह दूसरा मौका है जब अंकों के आधार पर सेंसेक्स में इतनी बड़ी गिरावट आयी है.
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 7,62,290.23 करोड़ रुपये घटकर 1,21,63,952.59 करोड़ रुपये पहुंच गया.
सेंसेक्स में शामिल सभी शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी. सर्वाधिक नुकसान इंडसइंड बैंक को हुआ जो 17.50 प्रतिशत नीचे आया. उसके बाद क्रमश: टाटा स्टील (11.02 प्रतिशत), एचडीएफसी (10.94 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (10.38 प्रतिशत) तथा आईसीआईसीआई बैंक (9.96 प्रतिशत) का स्थान रहा.
बीएसई में 2,047 शेयरों में गिरावट रही जबकि 411 में तेजी जबकि 160 में कोई बदलाव नहीं हुआ. कुल 478 कंपनियां 52 सप्ताह के न्यूनतम स्तर तक चला गया.