नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सभी कानूनी विकल्पों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्याकांड के दोषी मुकेश सिंह की याचिका सोमवार को खारिज कर दी. बता दें कि इसके बाद अब निर्भया के चारों दोषियों को 20 तारीख को फांसी की सजा दिए जाने का रास्ता साफ हो गया लेकिन इसी बीच निर्भया के सामूहिक दोषियों में से तीन फांसी टालने के लिए अतंरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
आईसीजे का खटखटाया दरवाजा
निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने तीन मृत्युदंड के दोषियों, अक्षय, पवन और विनय की दरख्वास्त अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया है और एक पत्र लिखा है जिसमें इस मामले में हस्तक्षेप करने और उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की गई है.
AP Singh, lawyer for three death row convicts, Akshay, Pawan & Vinay in Dec 16 gang-rape and murder case has written a letter to International Court of Justice (ICJ) seeking intervention & stay on the execution of their death sentence. @ThePrintIndia pic.twitter.com/znMJtefkPC
— ??????? ??? (@DebayanDictum) March 16, 2020
अब देखना ये होगा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत जो अभी तक दो देशों के मामलों को निपटाता रहा है वह देश के आंतरिक मामलों पर भी संज्ञान लेता है क्या? कुलभूषण जाधव मामले में आईसीजे दो देशों के मामलों की सुनवाई कर रहा था लेकिन कानून के जानकारों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत इस पत्र को सिरे से खारिज कर देगी क्योंकि यह एक देश के आंतरिक कानून का मामला है.
अंतरराष्ट्रीय अदालत संयुक्त राष्ट्र का अंग है. यह हॉलैंड के शहर द हेग में स्थित है. इस न्यायालय में 15 न्यायाधीश मिलकर किसी अंतरराष्ट्रीय मुद्दे पर अपना जजमेंट देते हैं.
सभी कानूनी विकल्पों को बहाल किया जाए
मौत की सजा पाने वाले चार दोषियों में से एक मुकेश ने न्यायालय में याचिका दायर करके अनुरोध किया था कि उसके सभी कानूनी विकल्पों को बहाल किया जाए क्योंकि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था.
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति एम. आर. शाह ने कहा कि मुकेश सिंह की याचिका विचारणीय नहीं है. पीठ ने कहा कि इस मामले में पुनर्विचार और सुधारात्मक याचिकाएं दोनों ही खारिज की जा चुकी हैं.
दोषी ने अनुरोध किया है कि चूंकि उसकी पुरानी वकील वृंदा ग्रोवर ने उसे गुमराह किया है इसलिए सुधारात्मक याचिका खारिज होने के दिन से अदालतों द्वारा पारित सभी आदेशों और राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज किए जाने को रद्द कर दिया जाए.
वकील एम.एल. शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने केन्द्र, दिल्ली सरकार और वकील वृंदा ग्रोवर द्वारा इस मामले में किए गए ‘आपराधिक षड्यंत्र’ और ‘धोखाधड़ी’ की सीबीआई जांच की मांग की है.
निचली अदालत ने पांच मार्च को फिर से मौत का वारंट जारी करते हुए चारों दोषियों…मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी देने के लिए 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे का वक्त तय किया.
(नयनिमा बासु के इनपुट्स के साथ)