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Friday, 22 November, 2024
होमदेशएसबीआई प्रमुख को फटकार वाली ऑडियो लीक होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की हुई आलोचना

एसबीआई प्रमुख को फटकार वाली ऑडियो लीक होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की हुई आलोचना

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप से यह खुलासा हुआ कि वित्त मंत्री ने फरवरी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एसबीआई के चेयरमैन को फटकार लगाई थी.

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नई दिल्ली: ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कॉनफेडरेशन (एआईबीओसी) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कथित रूप से फटकार लगाए जाने की ओलाचना की है. सीतारमण द्वारा कुमार को कथित रूप से फटकार लगाने की यह घटना पिछले महीने गुवाहाटी में हुई थी.

एसोसिएशन का दावा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप से यह खुलासा होता है कि वित्त मंत्री ने फरवरी में आयोजित एक संपर्क कार्यक्रम के दौरान एसबीआई के चेयरमैन को फटकार लगाई. संगठन ने कहा, ‘उन्होंने (वित्त मंत्री ने) रजनीश कुमार (एसबीआई के चेयरमैन) की तीखी आलोचना की और उनपर आरोप लगाया कि वह ऋण देने में, विशेष रूप से असम के चाय बगान कामगारों को ऋण देने में, असफल रहे हैं.’

बताया जा रहा है कि चाय बगानों में काम करने वालों को केवाईसी कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए वित्त मंत्री ने एसबीआई चेयरमैन को फटकार लगाई थी.

संगठन ने 13 मार्च की तारीख वाले एक बयान में कहा कि ऑडियो क्लिप के माध्यम से सामने आयी गुवाहाटी की इस घटना की, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार को फटकार लगायी थी…की कड़ी निंदा की जाती है.

संगठन ने कहा कि यह क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है

एआईबीओसी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि 27 फरवरी, 2020 को गुवाहाटी में आयोजित एसबीआई वित्तीय समावेशन संपर्क कार्यक्रम में असम के वित्त मंत्री और डीएफएस के अन्य अधिकारियों तथा अन्य बैंकों के प्रमुखों की उपस्थिति में वित्त मंत्री ने एसबीआई और उसके चेयरमैन रजनीश कुमार की काफी आलोचना की.

एआईबीओसी बैंक अधिकारियों का सबसे बड़ा संगठन है और इसकी सदस्य संख्या करीब तीन लाख 20 हजार की है. संगठन का दावा है कि वित्त मंत्री ने एसबीआई को ‘हृदय विहीन बैंक’ बताया और देश के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख का अपमान किया.

एआईबीओसी ने कहा, ‘इसके अलावा सबसे दुखद बात यह है कि किसी ने पूरी घटना को रिकॉर्ड किया और सुनिश्चित किया कि वह सोशल मीडिया पर वायरल हो.’ संगठन ने कहा, ‘हमारा विचार है कि जनप्रतिनिधियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए.’

उसने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि किसी असामाजिक तत्व द्वारा कार्यक्रम के दौरान रिकॉडिंग किए जाने और सोशल मीडिया का दुरुपयोग किये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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