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Friday, 22 November, 2024
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मध्यप्रदेश में मचा सियासी भूचाल, कांग्रेस ने भाजपा पर लगाया विधायकों को बंधक बनाने का आरोप

मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव के मद्देनजर सूबे में अचानक यह उठापटक शुरू हो गई है. वैसे तो इस मामले में उठापटक पहले से ही चल रही थी लेकिन मंगलवार की देर रात इसने जोड़ पकड़ लिया.

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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को बड़ा राजनीतिक उठापटक शुरू हो गया. आधी रात को कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर तख्ता पलटने के साथ साथ पार्टी के विधायकों को बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया है. वहीं यह भी कहा कि निजी चार्टड विमान से विधायकों गुरुग्राम लाया गया है जिसके बाद दिग्विजय सिंह के पुत्र और मध्यप्रदेस सरकार में मंत्री जयवर्धन सिंह और मंत्री जीतू पटवारी गुरुग्राम पहुंचे और जिस होटल में विधायकों को रखा गया है वहां से निर्दलीय विधायकों को लेकर वह वहां से निकल गए. बाकी के विधायकों को कहां रखा गया है अभी इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है.

कांग्रेस पार्टी ने भाजपा नेताओं पर यह भी आरोप लगाया है कि सूबे की पिछली शिवराज सरकार,  कमलनाथ सरकार के विधायकों को तोड़ना चाहती है. कांग्रेस नेता दिगविजय सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, ‘भाजपा नेता भूपेंद्र सिंह बसपा के विधायक रमाबाई को अपने साथ चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली लाए हैं. हालांकि, रमाबाई के पति गोविंद ने इसका खंडन करते हुए कहा कि रमाबाई अपनी बेटी से मिलने के लिए दिल्ली गई हैं. शाम को खबर आई कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिल्ली पहुंच गए हैं.’

उन्होंने कहा, जब हमें पता चला तो जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह वहां (होटल) गए थे. जिन लोगों से हम संपर्क कर सके हैं वह हमारे साथ वापस आने के लिए तैयार हैं. हम बिसाहूलाल सिंह और रामबाई से संपर्क कर पाए हैं. रमाबाई वापस आ गई हैं, हालांकि भाजपा ने उन्हें रोकने का प्रयास किया.

इस घटनाक्रम के दौरान दिग्विजय सिंह दिल्ली में ही मौजूद हैं और सियासी उठापटक की पूरी कहानी वह सोशल मीडिया पर लिखते रहे. दिग्विजय सिंह ने पूरे घटनाक्रम की सिलसिलेबार जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की. उन्होंने यह भी लिखा कि भाजपा के रामपाल सिंह, नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया और संजय पाठक उन्हें रुपये देने जा रहे थे. अगर वहां छापा पड़ता तो वह पकड़े जाते. हमें लगता है कि वहां 10-11 विधायक थे, अब उनके साथ केवल चार विधायक हैं, वो भी हमारे पास वापस लौट आएंगे.

इसके बाद देर रात सूचना मिली कि भाजपा ने बसपा विधायक रमाबाई, कुछ कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल में रखा है. इसके बाद भोपाल से कांग्रेस के मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन को दिल्ली के लिए रवाना किया गया. पटवारी ने बताया कि उनके होटल पहुचने से पहले ही सभी विधायकों को कहीं और भेज दिया गया था. उन्होंने कहा कि केवल रमाबाई ही होटल के बाहर मिलीं.

बता दें कि मंगलवार को मध्यप्रदेश में काफी उथल पुथल रही. विधायकों की खरीद फरोख्त पर सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मैंने विधायकों से कहा है कि अगर फोकट का पैसा मिल रहा है तो ले लेना चाहिए.

क्यों जारी है उठापटक

बता दें कि मध्यप्रदेश की तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को होने वाले चुनाव के मद्देनजर सूबे में अचानक यह उठापटक शुरू हो गई है. वैसे तो इस मामले में उठापटक पहले से ही चल रही थी लेकिन मंगलवार की देर रात इसने जोड़ पकड़ लिया. राज्य के सबलगढ़ से कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह ने मंगलवार को दावा किया था कि भाजपा ने उन्हें खरीदने के लिए 25 करोड़ रुपये की पेशकश की, लेकिन वह किसी भी सूरत में बिकने वाले नहीं हैं.

कुशवाह का यह बयान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान एवं नरोत्तम मिश्र पर कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्यप्रदेश की कांग्रेस नीत सरकार को गिराने के लिए पार्टी विधायकों को 25 से 35 करोड़ रुपये की पेशकश करने का आरोप लगाने के एक दिन बाद आया है.

मध्य प्रदेश के संसदीय कार्य एवं सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह से मिलने के बाद कुशवाह ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘लगातार कई लोग मेरे पास आये थे कि आप पैसा ले लें. मैंने कहा कि कौन पैसा दे रहा है? उसका नाम तो बता दो. वह जगह बता दो जहां पैसा दिया जाएगा.’

उन्होंने यह पेशकश करने वाले व्यक्ति की पहचान प्रमोद शर्मा के तौर पर बताई जो (मध्यप्रदेश के) भिण्ड के आसपास के रहने वाले हैं. कुशवाह ने बताया कि एक आदमी को उनके पास भेजा गया था. उन्होंने उसका नाम नोट कर रखा है, जिसे वह बाद में बता देंगे.

जब उनसे सवाल किया गया कि इन लोगों ने आपको क्या ऑफर किया था, तो इस पर उन्होंने कहा कि आपको कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. जब उन्होंने उनके पास आए लोगों से पूछा कि उन्हें किसने भेजा है तो उन लोगों ने शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर और नरोत्तम मिश्र का नाम लिया था.

जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कितना ऑफर किया गया, तो इस पर कुशवाह ने कहा, ‘(इन लोगों ने) कहा कि आपको 25 करोड़ रूपये देंगे.’

उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मुझसे कहा, ‘या तो मंत्री पद ले लें और साथ में पांच करोड़ रुपये. मंत्री नहीं बनने पर 25 करोड़ रुपये मिलेंगे.’

जब उनसे सवाल किया गया कि इतना बड़ा ऑफर मिलने पर आपने क्या सोचा है, तो इस पर कुशवाह ने कहा, ‘मेरे लिए यह कोई बड़ा ऑफर नहीं है. मैं इससे बड़ा ऑफर भी ठुकरा दूंगा. यह मेरा फैसला है. मेरे पास कुछ नहीं था. एक गरीब को विधायक बना दिया. इससे ज्यादा क्या चाहिए. मैं तो कांग्रेस के साथ हूं. मुझे किसी भी सूरत में वे खरीद नहीं सकते हैं.’

वहीं, मध्यप्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कुशवाह के इन आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा, ‘कांग्रेस में अंदरूनी लड़ाई चल रही है और इसके चलते इस पार्टी का हर गुट एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए झूठ पर झूठ बोले जा रहा है.’

कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 107

राज्य की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के 114 विधायक हैं. चार निर्दलीय विधायक, दो बसपा विधायक और एक सपा विधायक का भी समर्थन हासिल है. जबकि भाजपा के पास 104 सीटें हैं. इस महीने होने वाली राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव भी होना है.

जिसमें फिलहाल भाजपा के पास दो और एक कांग्रेस के…. पास है. राज्यसभा में एक सीट के लिए 58 वोट की ज़रूरत है. भाजपा और कांग्रेस एक एक सीट आसानी से जीत सकते हैं. वहीं तीसरी सीट के लिए निर्दलीय की भूमिका अहम हो रही है.

मध्य प्रदेश की राजनीति के गलियारों में इन दिनों भाजपा के ऑपरेशन लोटस की चर्चा जोरों पर है. विरोधियों का कहना है कि यह ऑपरेशन मध्य प्रदेश में सफल नहीं हो पाएगा. वहीं राज्य के सीएम कमलनाथ अपनी सरकार को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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