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Friday, 22 November, 2024
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रिक्शा चालक प्रेम सिंह दिल्ली के दंगों के बीच बच्चे के लिए दूध खरीदने निकले थे पर वे कभी लौट कर नहीं आए

प्रेम सिंह का परिवार उनको कई दिनों तक खोजता रहा और अंतत: उनको उनका शव जीटीबी अस्पताल में मिला. चित्र प्रवीण जैन के.

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नई दिल्ली: रिक्शाचालक 27 वर्षीय प्रेम सिंह पूर्वोत्तर दिल्ली में फैले दंगों के तीसरे दिन यानि मंगलवार को गायब हो गए. वो घर से बाहर अपने बच्चों के लिए दूध खरीदने गए थे, पर वापिस लौटे ही नहीं.

उनकी खोज में उनका परिवार दर दर भटकता रहा जब तक कि जीटीबी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें शनिवार रात को शवदाग्रह में उन शवों में देखने को कहा जिनकी पहचान नहीं हो पाई थी. वहां जाकर उनकी तलाश समाप्त हुई.
प्रेम सिंह उन 48 लोगों में है जोकि दिल्ली में पिछले हफ्ते हुए सांप्रदायिक दंगों में अपनी जान गवां चुके हुए है. उनके परिवार में उनकी पत्नी, तीन बच्चे और बुज़ुर्ग मां शामिल है जिनके रुदन से ब्रिजपुरी में गूंजती रही जब रविवार रात उनकी अंतिम यात्रा निकली.

Sunita Singh wife of Prem Singh with their two year old daughter | Photo: Praveen Jain | ThePrint

प्रेम सिंह अपनी इसी दो साल की बेटी के लिए दूध लाने निकले थे, प्रेम सिंह का जब शव लाया गया इस समय पत्नी सुनीता के आंसू नहीं थम रहे थे..फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Prem Singh's younger sister Savita Devi | Photo: Praveen Jain | ThePrint

 

प्रेम सिंह की छोटी बहन सविता देवी भाई का शव देखकर व्याकुल हो उठीं..पूरे मुहल्ले में मातम फैल गया/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Muslim men try to console grieving Prem Singh's family | Photo: Praveen Jain | ThePrintप्रेम सिंह के शव को देखकर पड़ोसी परिवार वालों को सांत्वना देनें पहुंचे /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Sunita stands besides the ambulance outside the mortuary | Photo: Praveen Jain | ThePrintप्रेम सिंह की पहचान हो जाने के बाद उसकी पत्नी सुनीता जीटीबी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर पती के शव को देख व्याकुल हो उठीं/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Nathu Devi, Prem Singh's mother immerse in grief after she see her son | Photo: Praveen Jain | ThePrint

अपने जवान बेटे का शव देख प्रेम सिंह की मां नाथू देवी उसके चेहरे को निहारती रही/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Sunita Devi burst into tears as they prepare for Prem Singh's final journey | Photo: Praveen Jain | ThePrintजैसे ही प्रेम सिंह के शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया जाने लगा पत्नी सुनीता देवी बुरी तरह टूट गई, उसका रोना देखकर वहां खड़े सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए. /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Neighbours of Prem Singh | Photo: Praveen Jain | ThePrint

प्रेम सिंह के शव को देखते हुए पड़ोसी भी बिलखते हुए नजर आए. /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

On the departure of the deceased, the mother shouted saying, " Where are you taking my child" | Photo: Praveen Jain | ThePrintजैसे ही प्रेम सिंह के शव को घर से ले जाया जाने लगा तब मां चिल्लाई मेरे बेटे को तुमलोग कहां ले जा रहे हो./फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

The last journey, Prem Singh's body taken to Harihar Shamshan Ghat, Babarpur | Photo: Praveen Jain | ThePrintप्रेम सिंह के शव को बाबरपुर के हरिहर श्मशान घाट ले जाया गया. उसके शव को कंधा देने न केवल परिवार वाले आगे आए, बल्कि पड़ोसियों ने भी कंधा दिया./फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Preparing for the last rites | Photo: Praveen Jain | ThePrintहिंदू रीति रिवाज के अनुसार जब प्रेम सिंह का शव ले जाया जा रहा था तो उनके शव पर पत्नी सुनीता के हाथों की चूड़ियां और बिछिया भी रख दी गई. /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

Before burning, the body is being washed with Ganga water | Photo: Praveen Jain | ThePrintअग्नि के हवाले किए जाने से पहले प्रेम सिंह के शरीर को श्मशान घाट पर गंगा जल से स्नान कराया गया./फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट

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1 टिप्पणी

  1. सुखद आश्चर्य कि प्रगतिशील संवाद माध्यमों के लिये Hindu lives do matter!

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