नई दिल्ली: रिक्शाचालक 27 वर्षीय प्रेम सिंह पूर्वोत्तर दिल्ली में फैले दंगों के तीसरे दिन यानि मंगलवार को गायब हो गए. वो घर से बाहर अपने बच्चों के लिए दूध खरीदने गए थे, पर वापिस लौटे ही नहीं.
उनकी खोज में उनका परिवार दर दर भटकता रहा जब तक कि जीटीबी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें शनिवार रात को शवदाग्रह में उन शवों में देखने को कहा जिनकी पहचान नहीं हो पाई थी. वहां जाकर उनकी तलाश समाप्त हुई.
प्रेम सिंह उन 48 लोगों में है जोकि दिल्ली में पिछले हफ्ते हुए सांप्रदायिक दंगों में अपनी जान गवां चुके हुए है. उनके परिवार में उनकी पत्नी, तीन बच्चे और बुज़ुर्ग मां शामिल है जिनके रुदन से ब्रिजपुरी में गूंजती रही जब रविवार रात उनकी अंतिम यात्रा निकली.
प्रेम सिंह अपनी इसी दो साल की बेटी के लिए दूध लाने निकले थे, प्रेम सिंह का जब शव लाया गया इस समय पत्नी सुनीता के आंसू नहीं थम रहे थे..फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
प्रेम सिंह की छोटी बहन सविता देवी भाई का शव देखकर व्याकुल हो उठीं..पूरे मुहल्ले में मातम फैल गया/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
प्रेम सिंह के शव को देखकर पड़ोसी परिवार वालों को सांत्वना देनें पहुंचे /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
प्रेम सिंह की पहचान हो जाने के बाद उसकी पत्नी सुनीता जीटीबी अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर पती के शव को देख व्याकुल हो उठीं/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
अपने जवान बेटे का शव देख प्रेम सिंह की मां नाथू देवी उसके चेहरे को निहारती रही/फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
जैसे ही प्रेम सिंह के शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया जाने लगा पत्नी सुनीता देवी बुरी तरह टूट गई, उसका रोना देखकर वहां खड़े सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए. /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
प्रेम सिंह के शव को देखते हुए पड़ोसी भी बिलखते हुए नजर आए. /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
जैसे ही प्रेम सिंह के शव को घर से ले जाया जाने लगा तब मां चिल्लाई मेरे बेटे को तुमलोग कहां ले जा रहे हो./फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
–प्रेम सिंह के शव को बाबरपुर के हरिहर श्मशान घाट ले जाया गया. उसके शव को कंधा देने न केवल परिवार वाले आगे आए, बल्कि पड़ोसियों ने भी कंधा दिया./फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार जब प्रेम सिंह का शव ले जाया जा रहा था तो उनके शव पर पत्नी सुनीता के हाथों की चूड़ियां और बिछिया भी रख दी गई. /फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
अग्नि के हवाले किए जाने से पहले प्रेम सिंह के शरीर को श्मशान घाट पर गंगा जल से स्नान कराया गया./फोटो: प्रवीण जैन/दिप्रिंट
सुखद आश्चर्य कि प्रगतिशील संवाद माध्यमों के लिये Hindu lives do matter!