नई दिल्ली: पूर्वोत्तर दिल्ली में हुई हिंसा की जांच के लिए एसआईठी गठित की गई है. दिल्ली क्राइम ब्रांच के अंतर्गत दो एसआईटी का गठन किया गया है. अब तक की सभी एफआईआर को एसआईटी के पास भेज दिया गया है.
डीसीपी जॉय टिर्की और डीसीपी राजेज देव के निगरानी में दो एसआईटी दिल्ली में हुई हिंसा की जांच करेगी. पूर्वोत्तर दिल्ली की हिंसा पर हो रही जांच की जिम्मेदारी तुरंत एसआईटी की टीम लेगी. क्राइम ब्रांच के अतिरिक्त सीपी बीके सिंह दोनों टीमों को निर्देश देंगे.
कपिल मिश्रा ने अपने बयान का बचाव किया
भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर दंगे भड़काने के आरोप लग रहे हैं. अपने बयान के बचाव पर उन्होंने कहा, ‘मेरे बयान में भड़काने जैसी कोई चीज़ नहीं है. मैं पुलिस अधिकारी को कह रहा था कि रोड को खाली करा दिया जाए.’
उन्होंने कहा कि ‘उन लोगों से सवाल नहीं किए जा रहे हैं जो देश को तोड़ने की बात करते हैं और जिनके छतों पर पेट्रोल बम मिले हैं. लेकिन किसी ने सिर्फ रोड खुलवाने की बात कही जिससे 35 लाख लोगों को परेशानी हो रही थी तो उसे आतंकवादी कहा जा रहा है.’
शांति बहाली और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई पहली प्राथमिकता : तिवारी
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति स्थापित करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई को शीर्ष प्राथमिकता बताते हुए दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने बृहस्पतिवार को इलाके में हालात का जायजा लिया.
तिवारी ने पार्टी के स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ हिंसा प्रभावित यमुना विहार का दौरा किया और स्थानीय लोगों से चर्चा की.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में इस सप्ताह की शुरूआत में सांप्रदायिक हिंसा की चपेट में आए इलाकों में यमुना विहार भी शामिल है. इस हिंसा में अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है.
इसके साथ ही भजनपुरा, मौजपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, शिव विहार और मुस्तफाबाद इस क्षेत्र के हिंसा प्रभावित अन्य इलाके हैं.
तिवारी ने कहा, ‘इस समय दो चीजें सबसे अहम हैं – इलाके में शांति बहाली और लोगों के सामने उदाहरण पेश करने के लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई.’
हिंसा को एक ‘बड़ी साजिश’ बताते हुए उन्होंने कहा कि इस हिंसा में जो भी शामिल रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘इन दंगों और असामाजिक गतिविधयों में शामिल रहे कई लोगों की पहचान की गई है. हिंसा में बाहरी लोगों के शामिल होने की भी खबरें हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.’
गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ और पक्ष में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच टकराव से चार दिन पहले इस इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी. भीड़ ने मकानों, दुकानो और वाहनों को आग के हवाले करने के साथ ही एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी थी. साथ ही स्थानीय लोगों और पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)