नयी दिल्ली: मूडीज़ एनालिटिक्स का मानना है कि यदि कोरोना वायरस एक महामारी का रूप लेता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के घेरे में आ सकती है. मूडीज़ एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार अब इटली और कोरिया में भी हो चुका है. ऐसे में इसके महामारी का रूप लेने की आशंका बढ़ गई है.
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने चीन की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका दिया है. अब यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन चुका है. चीन में अबतक इस वायरस से 2700 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 78 हज़ार इससे प्रभावित हैं .
कोरोना वायरस का आधिकारिक नाम कोविड-19 है. इसकी शुरुआत दिसंबर, 2019 में चीन के वुहान से हुई थी. कोरानावायरस से दुनिया के कई देशों में फैल चुका है जिसमें अमेरिका, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, भारत, ईरान, इटली में फैल चुका है जिसे देखते हुए भारत और रूस ने अपने नागरिकों को इटली, ईरान और रिपब्लिक ऑफ कोरिया जाने को लेकर चेतावनी जारी की है. दक्षिण कोरिया में 1100 से अधिक लोगों में इस वायरस की पुष्टि हो चुकी है और 11 लोग इससे मारे जा चुके हैं. चीन के बाद दक्षिण कोरिया इस वायरस से सर्वाधिक प्रभावित है. बता दें कि भारत ने अपनी अडवायजरी में कहा है कि रिपब्लिक ऑफ कोरिया, इरान और इटली से कोई भारत आता है तो उसे 14 दिनों तक क्वारेनटाइन में रखा जाएगा.
ईरान में करीब 100 लोगों में इसकी पुष्टि हो चुकी है जिसमें से 15 लोगों की मौत हो गयी है. इटली में कोरोना वायरस से संक्रमित 300 से अधिक लोग हैं जबकि 11 की मौत हो चुकी है .
अब भारत सरकार ने भी नई ट्रैवल एडवाइज़री जारी की है.
Update on Novel #Coronavirus (COVID 19): New Travel Advisory
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— PIB India (@PIB_India) February 26, 2020
वायरस के फैलने से अर्थव्यवस्था पर खतरे के बादल
मूडीज़ एनालिटिक्स ने कहा, ‘कोविड-19 वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई तरीके से झटका दे रहा है. चीन में व्यापार के मकसद से यात्रा और पर्यटन पूरी तरह ठप हो चुका है. दुनिया भर की एयरलाइन कंपनियों ने चीन के लिए उड़ान रोक दी है. अमेरिका जैसे प्रमुख यात्रा गंतव्यों के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है. चीन से हर साल 30 लाख पर्यटक अमेरिका जाते हैं.’
मूडीज़ ने कहा कि अमेरिका में विदेशी पर्यटकों द्वारा खर्च किए जाने के मामले में चीन के पर्यटक सबसे आगे हैं. यूरोप के लिए यात्रा पर भी असर पड़ा है.
मूडीज़ एनालिटिक्स ने कहा कि बंद कारखाने चीन की विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर देशों और कंपनियों के लिए समस्या हैं. एप्पल, नाइक और जनरल मोटर्स ऐसी अमेरिकी कंपनियां हैं जो इससे प्रभावित हैं.
जैंडी ने कहा कि चीन में मांग घटने से अमेरिकी निर्यात भी प्रभावित होगा. पिछले साल दोनों देशों के बीच हुए पहले चरण के करार के तहत चीन को अमेरिका से आयात बढ़ाना था.
उन्होंने कहा कि पहले से यह सवाल हो रहा था कि चीन वास्तव में अमेरिका से कितनी खरीद करता है. अब कोविड-19 के बाद यह सवाल और बड़ा हो गया है.