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Friday, 22 November, 2024
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योगी आदित्यनाथ के बयान और अमित मालवीय के वीडियो के साथ सियासत के गलियारों में पहुंची बिरयानी

भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर बिरयानी खाने को लेकर एक वीडियो साझा करने पर हुआ था विवाद, ऑल्ट न्यूज ने खोली थी पोल.

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नई दिल्ली: भारत के पसंदीदा पकवानों में से सबसे ऊपर अपनी जगह बनाने वाली बिरयानी खान-पान के शौकीनों के दस्तरख्वान से चल कर अब सियासत के गलियारों में पहुंच गई है जहां वह सियासी मुहावरे के बतौर बड़ी शिद्दत से इस्तेमाल हो रही है.

परत-दर-परत चावल और मुलायम गोश्त से तैयार की जाने वाली बिरयानी की खूशबू और जायके को लौंग, काली मिर्च, इलाइची और केसर एक नई बुलंदी देते हैं. हाल फिलहाल बिरयानी में सब्जियां भी इस्तेमाल की जा रही हैं. बिरयानी के कई प्रकार हैं. और अगर इसमें राजनीति का तड़का और विवाद का छौंक लग जाए तो इसकी लोकप्रियता कई गुना बढ़नी लाजिमी ही है.

बिरयानी के विभिन्न आयामों की चर्चा करते हुए व्यंजन समीक्षक एवं लेखक वीर सांघवी कहते हैं, ‘भारत की तहजीब गंगा जमनी है जहां हर कोई अपनी पहचान बरकरार रखता है और बिरयानी इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है. हर कोई बिरयानी खाता है, इसके बावजूद हर बिरयानी अपने आप में जुदा होती है.’

व्यंजन लेखिका पृथा सेन कहती हैं कि चावल से बनने वाले इस व्यंजन के ‘पसंदीदा भारतीय पकवान’ की फेहरिस्त में बुलंद मुकाम पाने के बावजूद नेता अपने स्वार्थ के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.

सेन ने कहा, ‘हिंदू भी अपने घर पर बिरयानी बनाते हैं. हम इसमें कोई फर्क नहीं करते क्योंकि यह हमारे खाना खजाने का हिस्सा बन चुका है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक शासन महज फायदों के लिए इसमें फर्क कर लोगों को बांट रहा है.’

बिरयानी लंबे समय से एक भारत की पहचान है जो दस्तरख्वान से सफर शुरू करके अब सियासत की बिसात पर पहुंच गई है. यह तब हुआ जब भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो साझा कर दावा किया था कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी 500 रुपये और बिरयानी लेकर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

तथ्यों की जांच करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज के मुताबिक यह वीडियो शाहीन बाग से करीब आठ किलोमीटर दूर एक दुकान पर बनाया गया था और इसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है.

दिल्ली में 8 फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आम आदमी पार्टी पर प्रदर्शनकारियों को बिरयानी खिलाने का आरोप लगाया था.

सांघवी ने कहा कि अपनी लोकप्रियता और ‘राजनीतिक उपहास’ के बीच के जंग में जीत बिरयानी की हुई है. यह बात पूरी तरह बिरयानी को समर्पित कारोबारों के बाजार में उतरने से स्पष्ट है.

उन्होंने कहा कि दो विरोधाभासी चीजें एक साथ हो रही हैं. एक तो यह कि बिरयानी की बिक्री में जबर्दस्त उछाल आई है जहां समूचे भारत में पूरा-पूरा रेस्तरां बिरयानी के नाम पर खुल रहा है.

और दूसरा यह कि बिरयानी नेताओं का जुमला बन गई है जिसका प्रयोग वे ‘मुस्लिम तुष्टीकरण’ का संदर्भ देने के लिए करने लगे हैं.

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