सुप्रीम कोर्ट द्वारा उपहार अग्निकांड में बचे लोगों की क्यूरेटिव पिटीशन पर विचार करने से इंकार करना, इस धारणा की पुष्टि करता है कि अदालतों ने हर स्तर पर न्याय के लिए सामाजिक और आर्थिक मापदंड लागू किए हैं. यह महसूस करना मुश्किल है कि अंसल बंधुओं ने न्यायिक प्रणाली को समाप्त कर दिया है. यही कारण है कि ये सारी घटनाएं कभी अंत तक नहीं पहुंचती.