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Sunday, 22 December, 2024
होमलास्ट लाफअहमदाबाद की ’छुपी’ झुग्गियों के निवासियों का सवाल, और नेटवर्क की समस्या का अंत नहीं

अहमदाबाद की ’छुपी’ झुग्गियों के निवासियों का सवाल, और नेटवर्क की समस्या का अंत नहीं

चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.

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दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून

आज के अपने चित्रित कार्टून में आर. प्रसाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहली यात्रा के स्वागत में चल रही भव्य तैयारी पर कटाक्ष करते हैं.

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सतीष आचार्य | ट्विटर

सतीश आचार्य ने अगले सप्ताह ट्रम्प की अहमदाबाद यात्रा को लेकर मलिन बस्तियों को उनकी नजर से बचाने के लिए बीजेपी द्वारा बनाई जा रही दीवार को लेकर कटाक्ष किया है. वह दीवार को पीएम मोदी की प्रिय योजना ‘मेक इन इंडिया’ की पहल के उदाहरण के रूप में पेश करते हैं.

कीर्तिश भट्ट | बीबीसी हिंदी

कीर्तिश भट्ट भी झुग्गी-झोपड़ियों को छिपाने के लिए बनाई गई दीवार का मजाक बनाते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के उस दावे के संदर्भ में कि पीएम मोदी ने उनसे हवाई अड्डे से ‘नमस्ते ट्रंप’ के आयोजन स्थल के बीच पड़ने वाले रास्ते में 70 लाख लोगों के आने की बात कही है.

मंजुल | फर्स्टपोस्ट

मंजुल भारत में दूरसंचार संकट को चिंता का विषय बताते हैं कि अधिकांश भारतीय मोबाइल फोन उपभोक्ता रोजाना इससे संघर्ष करते हैं.

मिका अजीज | ट्विटर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को बुधवार को मुलाकात के दौरान गुलदस्ता दिया. मिका अजीज समझाते हैं कि गुलदस्ता वास्तव में एक झाड़ू थी – केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) का प्रतीक – जो इस महीने के विधानसभा चुनावों में आप की शानदार जीत के बारे में थी.

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ईपी उन्नी | दि इंडियन एक्सप्रेस

ईपी उन्नी भारतीय नौकरशाही पर एक तेज प्रहार करते हैं. कार्टून में उन रिपोर्टों का उल्लेख किया गया है जिसमें जबा बेगम नाम की एक असमिया महिला की नागरिकता का दावा गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने इस तथ्य के बावजूद खारिज कर दिया था कि उसने अपने पैन कार्ड सहित 15 दस्तावेजों को पेश किए थे.

(इन कार्टून्स को अंग्रेजी में देखने के लिए यहां क्लिक करें)

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