नई दिल्ली: सेना में महिलाओं अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के सुप्रीम कोर्ट को फैसले के बाद सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने तारीफ की है और कहा है कि सेना हमेशा लैंगिक समानता के पक्ष में रही है.
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को निर्देश दिया था कि सेना में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन तथा कमांड में नियुक्ति दी जाए.
Army Chief MM Naravane: Indian Army has taken the initiative to induct women in rank and file, and the first batch of 100 women soldiers is undergoing training at Corps of Military Police Center and School. https://t.co/D5l9KaGdGC
— ANI (@ANI) February 20, 2020
सेना प्रमुख नरवणे कहा यह अत्यंत कारगर फैसला बताया है. सेना में लैंगिक समानता की बात पर कहा कि सेना लैंगिक समानता की वकालत कर रही है, सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमें आगे बढ़ने की दिशा में काफी स्पष्टता प्रदान करेगा.
अदालत के फैसले की लागू करने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा पहला काम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना है, हमने इसे लागू करने का खाका तैयार कर लिया है.
जनरल नरवणे ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारतीय सेना किसी जवान से धर्म, जाति, वर्ण और यहां तक कि लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती। भारतीय सेना का नजरिया हमेशा से ऐसा ही रहा है और इसलिए हमने 1993 में ही महिला अधिकारियों की भर्ती शुरू कर दी थी.’
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने हर स्तर पर महिलाओं की भर्ती के लिए पहल की है और सैन्य पुलिस केंद्र तथा स्कूल कोर में 100 महिला सैन्यकर्मियों के पहले बैच को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
कश्मीर के आतंकी घटनाओं पर उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है, हम आतंकी समूहों पर दबाव बनाए रख रहे हैं.
फ्रांस में होने वाली एफएटीएफ के पूर्ण सत्र पर नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान को रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है और यहां तक कि चीन ने भी माना है कि वे अपने मित्र देश का हर समय समर्थन नहीं कर सकता.
सेना प्रमुख ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी की सेहत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सुरक्षा बल किसी भी हालात से निपटने को तैयार हैं.
जम्मू कश्मीर के लिए विशेष रूप से थियेटर कमान बनाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुछ भी तय करने से पहले विस्तृत चर्चा की जाएगी.
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)