दिल्ली चुनाव के कड़वाहट भरे प्रचार के बाद अरविंद केजरीवाल और गृह मंत्री अमित शाह का मिलना सकारात्मक संकेत देता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री के सकारात्मक कदम को दर्शाता है. लेकिन न ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और न ही फोटो खिंचाना अच्छे काम का विकल्प हो सकता है. केजरीवाल को केंद्र के साथ मिलकर दिल्ली को 21वीं सदी का शहर बनाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट को न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच लकीर नहीं खींचनी चाहिए, नीतियों को सरकार के दायरे में रखना चाहिए
सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर से उस तरफ बढ़ी है जिसमें मुख्य न्यायाधीश बोबडे की बेंच ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी से ई-वाहनों के बारे में बात करना चाहती है. न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच की लकीर धुंधली नहीं पड़नी चाहिए. नीतियां बनाने का काम सरकार के दायरे में ही रखना चाहिए.