नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच तकरार बढ़ती जा रही है. कमलनाथ ने सिंधिया द्वारा राज्य में घोषणापत्र लागू ना होने और किसानों के लोन ना माफ करने पर सड़कों पर उतरने के बयान पर मुख्यमंत्री ने जवाब देते उन्हें ऐसा करने को कहा है.
#WATCH Madhya Pradesh Chief Minister Kamal Nath on being asked about Congress leader Jyotiraditya Scindia's statement of taking to streets over not fulfilling the state government's promise of waiving off farmers loan in the state: Toh utar jayein. pic.twitter.com/zg329BJSw0
— ANI (@ANI) February 15, 2020
कमलानथ ने उनके बयान के बारे में मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कहा, ‘तो उतर जाएं.’
Congress leader Digvijaya Singh: Promise letter is for 5 years. We have fulfilled many promises and fulfillment of other promises is underway. Scindia Ji is not against anybody, Congress party is together under leadership of Kamal Nath Ji. https://t.co/qSqjm68pev pic.twitter.com/lrqNLwFHLE
— ANI (@ANI) February 15, 2020
कमलनाथ के समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी उतर आए हैं. उन्होंने कहा है घोषणापत्र के वादे पांच साल के लिए हैं. कई वादे पूरे किए गए हैं और कई पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सिंधिया जी किसी के खिलाफ नहीं है, कांग्रेस पार्टी कमलनाथ के नेतृत्व में एकजुट है.
Congress leader Jyotiraditya Scindia: It was a productive meeting and we will take forward the work positively. (file pic) https://t.co/QGJOijkNW4 pic.twitter.com/5GgAFqgccT
— ANI (@ANI) February 15, 2020
वहीं विवाद को देखते हुए शनिवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस समन्वय समिति ने मीटिंग बुलाई. इसमें मध्य प्रदेश के सीएम कमल नाथ और पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, दीपक बाबरिया, एआईसीसी प्रभारी, मीनाक्षी नटराजन और जीतू पटवारी शामिल हुए.
वहीं सिंधिया ने बैठक के बाद कहा कि यह कारगर मीटिंग रही, आगे हम सकारात्मक रवैये से कार्य करेंगे.
ये दी थी सीएम को चेतावनी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा था कि यदि मध्य प्रदेश में सरकार पार्टी के घोषणापत्र को पूरा लागू नहीं करती है तो वह सड़कों पर उतरेंगे. उन्होंने दिल्ली चुनाव में पार्टी की हार के बाद सोच बदलने की भी जरूरत बताई थी.
संत रविदास जयंती के अवसर पर जिले में कुडीला गांव में एक सभा को सम्बोधित करते हुए सिंधिया ने कहा था, ‘मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं. आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थीं. मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है.’
उन्होंने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा था, ‘अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंग पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना. आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा. सरकार अभी बनी है, एक वर्ष हुआ है. थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा. बारी हमारी आयेगी, ये विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आये तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा.’
इससे पहले सिंधिया ने जिले के पृथ्वीपुर में संवाददाताओं से कहा था कि दिल्ली विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि देश बदल रहा है इसी तरह लोगों की सोच भी बदल रही है.
उन्होंने कहा, ‘हमें (कांग्रेस) बदलना होगा और लोगों के बीच नए दृष्टिकोण के साथ पहुंचना होगा.’
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)