scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमदेशभड़काऊ भाषण में गिरफ्तारी के बाद अब डाॅक्टर कफील पर लगाया गया एनएसए

भड़काऊ भाषण में गिरफ्तारी के बाद अब डाॅक्टर कफील पर लगाया गया एनएसए

यूपी एसटीएफ ने उन्हें मुंबई से गिरफ्तार किया था. उन पर अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है.

Text Size:

लखनऊ: भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार गोरखपुर के डाॅ. कफील खान की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही हैं. प्रशासन की ओर से उन पर रासुका (NSA) के तहत कार्यवाही करने के निर्देश मिल गए हैं. इस कारण वह अभी मथुरा जेल में ही रहेंगे जबकि 10 फरवरी को अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने जमानत के आदेश दिए थे लेकिन उनकी रिहाई से पहले एनएसए लगा दिया गया.

अलीगढ़ के एसपी (क्राइम) डाॅ. अरविंद सिंह ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट ने एनएसए की कार्रवाही की है जिस कारण डाॅ. कफील को मथुरा जिला जेल में रखा गया है.

एफआईआर की कॉपी जिसमें है नाम.

वहीं कफील खान के भाई अदील खान ने दिप्रिंट को बताया कि आज कफील की रिहाई होनी थी, उससे पहले ही सुबह 9 बजे जेल अथाॅरिटी ने बताया कि उन पर एनएसए लगा दिया गया है. अदील ने बताया कि 10 फरवरी को अलीगढ़ सीजेएम कोर्ट ने जमानत के आदेश दिए थे लेकिन पुलिस फिर भी रिहा नहीं कर रही थी. ऐसे में वह कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट के तहत दोबारा सीजेएम कोर्ट गए. वहां कफील की तुरंत रिहाई के निर्देश दिए गए. फिर जेल प्रशासन ने शुक्रवार सुबह रिहाई देने की बात कही थी.


यह भी पढे़ंः यूपी एसटीएफ ने मुंबई से डाॅ. कफील को किया गिरफ्तार, भड़काऊ भाषण का है आरोप


बीते 29 जनवरी को डाॅ. कफील को यूपी एसटीएफ ने भड़काऊ भाषण के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया था. उन पर अलीगढ़ में भड़काऊ भाषण और धार्मिक भावनाएं को भड़काने के आरोप हैं. 13 दिसंबर को अलीगढ़ में एफआईआर लिखी गई थी.

news on dr. kafeel
एफआईआर की कॉपी में दर्ज विवरण.

एएमयू में भड़काऊ भाषण का आरोप

दिप्रिंट को मिली एफआईआर की काॅपी के मुताबिक, डाॅ. कफील पर धर्म, नस्ल, भाषा के आधार पर नफरत फैलाने के मामले में धारा 153-ए के तहत केस दर्ज किया गया है. विवरण में दिया है कि 12 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के सामने दिए गए संबोधन में धार्मिक भावनाओं को भड़काया और दूसरे समुदाय के प्रति शत्रुता बढ़ाने का प्रयास किया. इसमें ये भी बताया गया है कि 12 दिसंबर 2019 को शाम 6.30 बजे डॉ. कफील और स्वराज इंडिया के अध्यक्ष व एक्टिविस्ट डॉ. योगेंद्र यादव ने एएमयू में लगभग 600 छात्रों की भीड़ को संबोधित किया था जिस दौरान कफील ने ऐसी भाषा का प्रयोग किया. दरअसल, कफील सीएए-एनआरसी के खिलाफ वहां संबोधन देने आए थे.

एफआईआर में दिए विवरण में लिखा है कि डाॅ. कफील बोले- ‘मोटा भाई हर किसी को सिखाता है कि हिंदू बनेगा या मुस्लिम लेकिन इंसान नहीं बनेगा. क्यों कत्ल करने वाले तू क्या जाने जिसके खुद के कपड़े में खून के छीटों से दाग लगे हों वो कातिल उस दाग को छिपा कैसे पाएगा.’ दरअसल, उनका निशाना अमित शाह पर था. इसके अलावा उन्होंने आरएसएस पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘जिस दिन से आरएसएस पैदा हुआ उस दिन से उन्हें संविधान पर विश्वास नहीं.’

इसके अलावा इस विवरण में ये भी दावा किया गया है कि उन्होंने कहा, ‘एनआरसी के लिए तैयार हो जाओ. हम 25 करोड़ हैं, न तुम हमें डरा सकते हो. हम तुम्हें बताएंगे देश कैसे चलेगा.’ पुलिस के पास पूरे भाषण का वीडियो फुटेज है.


यह भी पढ़ेंः बीआरडी अस्पताल मामले में क्लीन चिट नहीं, योगी सरकार डॉ कफील पर तीन नए आरोपों की करेगी जांच


मेडिकल कालेज मामले में भी चल रही है जांच

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में अगस्त 2017 में 60 से अधिक बच्चों की आकस्मिक मृत्यु के मामले में डाॅ. कफील का नाम सामने आया था जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया था. वह कई महीने जेल में भी रहे थे. बाद में स्थानीय मीडिया में उनसे सभी आरोप हटाए जाने की खबरें आईं, डाॅ कफील ने खुद भी क्लीन चिट मिलने का दावा किया था लेकिन बीते साल सितंबर में योगी सरकार ने साफ कर दिया था कि उन्हें इस मामले में कोई क्लीन चिट नहीं दी गई है. वहीं दूसरी तरफ उन पर तीन नए आरोपों की जांच शुरू कर दी गई थी.

हालांकि, अब परिवार का कहना है कि हेट स्पीच के बजाय डाॅ. कफील को उनके बीआरडी कनेक्शन के कारण सरकार अब तक हाथ धोकर पीछे पड़ी है क्योंकि पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि बीआरडी अस्पताल में अब भी ऑक्सीजन की कमी से बच्चे मर रहे हैं. फिलहाल योगी सरकार की ओर इस मामले में कोई भी प्रतिक्रया नहीं आई है.

share & View comments