नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन ने जनसुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत उनकी (उमर) हिरासत को चुनौती देने के लिए सोमवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ से मामले को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया.
सिब्बल ने पीठ को बताया कि उन्होंने पीएसए के तहत अब्दुल्ला की हिरासत को चुनौती देते हुए एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है और इस सप्ताह मामले की सुनवाई की जानी चाहिए. पीठ ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई.
The petition in Supreme Court challenging detention of former J&K CM Omar Abdullah, under Public Safety Act (PSA), was filed by his sister Sara Abdullah Pilot. https://t.co/IDJHuNSvWU
— ANI (@ANI) February 10, 2020
आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की छह महीने की ‘ऐहतियातन हिरासत’ पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले उनके खिलाफ जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया था. उनके साथ -साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव तथा पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया था.
इस मामले पर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा था कि दोनों नेताओं पर पीएसए के तहत मामला दर्ज होने को लेकर मैं हैरान हूं. आरोपों के बिना किसी पर कार्रवाई लोकतंत्र का सबसे घटिया कदम है.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)