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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशनिर्भया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, सभी दोषियों को एक साथ फांसी देने का निर्देश

निर्भया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका, सभी दोषियों को एक साथ फांसी देने का निर्देश

उच्च न्यायालय ने केंद्र की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. निचली अदालत ने दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी थी.

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नई दिल्ली: निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि निर्भया बलात्कार और हत्या मामले के सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग अलग.

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने दोषियों को एक हफ्ते के अंदर जो भी आवदेन देना चाहे वह दायर करने का निर्देश दिया, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा उस पर कार्रवाई की जाएगी.

उच्च न्यायालय ने केंद्र की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. निचली अदालत ने दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी थी.

केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी. इसमें निचली अदालत ने अगले आदेश तक मामले के सभी चारों दोषियों- मुकेश कुमार (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी देने पर रोक लगा दी थी. सभी दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं.

गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है. सभी चारों दोषियों को एक हफ्ते में कानूनी कार्रवाई पूरी करनी है. इसके बाद दोषियों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.

इससे पहले न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने शनिवार और रविवार को विशेष सुनवाई के बाद 2 फरवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

गौरतलब है कि केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके जरिए मामले में चार दोषियों की फांसी पर ‘अगले आदेश तक’ रोक लगा दी गई थी.

ये चार दोषी- मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31)– तिहाड़ जेल में कैद हैं.

इससे पहले दिन में, निर्भया के माता-पिता ने दिल्ली उच्च न्यायालय से केंद्र की उस याचिका पर जल्द निर्णय का अनुरोध किया था, जिसमें दोषियों की फांसी पर रोक को चुनौती दी गयी है.

निर्भया के माता-पिता की ओर से पेश वकील जितेंद्र झा ने बताया था कि उन्होंने सरकार की याचिका के जल्द निपटारे के लिए अदालत से अनुरोध किया है.

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा था कि जल्द से जल्द इस पर फैसला आएगा.

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