नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने असम के खतरनाक उग्रवादी समूहों में से एक, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के साथ सोमवार को एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये. इस त्रिपक्षीय समझौते में केंद्र सरकार, उग्रवादी संगठन समूह और राज्य सरकार शामिल हुए.
Home Minister Amit Shah: Today Centre, Assam Govt and Bodo representatives have signed an important agreement. This agreement will ensure a golden future for Assam and for the Bodo people. https://t.co/tnxf8Y21Nb pic.twitter.com/hD9VaTL5f3
— ANI (@ANI) January 27, 2020
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज केंद्र, असम सरकार और बोडो महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता असम और बोडो लोगों के लिए सुनहर अवसर लेकर आएगा.
भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के सभी गुटों के प्रतिनिधियों के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर कर दिया है. इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह और असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल मौजूद थे.
लंबे समय से बोडो राज्य की मांग करते हुए आंदोलन चलाने वाले ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) ने भी इस समझौते पर हस्ताक्षर किये.
इस त्रिपक्षीय समझौते पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, एनडीएफबी के चार गुटों के नेतृत्व, एबीएसयू, गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग और असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा ने गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक समझौता है. उन्होंने कहा कि इससे बोडो मुद्दे का व्यापक हल मिल सकेगा.