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Friday, 22 November, 2024
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इंटरनेट बंदी खत्म होने पर कश्मीरी नेटफ्लिक्स, अमेज़न देख सकते हैं लेकिन पीडीपी, एनसी की साइट्स बैन

इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता केवल 300 वेबसाइट्स तक ही पहुंच पाएंगे जिसे प्रशासन की तरफ से मंजूरी मिली है.

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श्रीनगर: कश्मीर के लोग केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के पांच महीने बाद अपने प्रीपेड और पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं पर 2जी इंटरनेट की सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं. पिछले कई महीनों से कश्मीर में संचार व्यवस्था बंद थी.

हालांकि इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता केवल 300 वेबसाइट्स तक ही पहुंच पाएंगे जिसे प्रशासन की तरफ से मंजूरी मिली है.

शुक्रवार रात जम्मू-कश्मीर गृह विभाग की तरफ से जारी किए गए नोटिफिकेशन में सोशल मीडिया वेबसाइट्स जैसे कि फेसबुक, ट्विटर और यू ट्यूब- ब्लैक लिस्ट हीं रहेंगी.

नोटिफिकेशन के अनुसार, ‘केवल मंजूरी प्राप्त वेबसाइट्स का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.’

शनिवार को श्रीनगर के मीडिया सेंटर पर पत्रकार सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

सभी राजनीतिक पार्टियों की वेबसाइट्स जिसमें भाजपा, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और कांग्रेस शामिल हैं…ये सभी ब्लैकलिस्टिग हैं.

गृह विभाग ने आगे आदेश दिया है कि इंटरनेट सेवाएं पोस्टपेड कनेक्शनों पर और उन ग्राहकों के प्री-पेड सिम कार्ड पर उपलब्ध होंगी, जिनकी साख पोस्टपेड कनेक्शन के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार सत्यापित की गई है.

नोटिफिकेशन के अनुसार ये आदेश 1 जनवरी तक प्रभावी रहेंगे.

किस-किस वेबसाइट्स को मिली है मंज़ूरी

जिन वेबसाइट्स को इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली है उनमें 85 दैनिक उपयोग के काम से जुड़े हुए हैं, 60 न्यूज़ वेबसाइट्स हैं, 45 शिक्षा से जुड़े हैं, 14 बैंकिंग के, 13 सर्च इंज़न वेबसाइट, 19 यात्रा से जुड़े, 18 मनोरंजन और चार मेल वेबसाइट्स हैं- याहू, आउटलुक, जी-मेल और रैडिफ.

एमनेस्टी इंटरनेशल, फोर्ड फाउंडेशन, हेल्पऐज़ इंडिया, सेव द चिल्डर्न और स्माइल फाउंडेशन जैसे गैर-सरकारी संगठन की वेबसाइट्स को भी इस्तेमाल किया जा सकता है.


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ऑटोमोबाइल वेबसाइट्स, रोजगार से जुड़े वेबसाइट्स जैसे कि नौकरी डॉट कॉम और सरकारी वेबसाइट्स जिसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस, यूआईडीएआई, जीएसटी विभाग, पासपोर्ट दफ्तर और कई जरूरी आधिकारिक साइट्स को भी इस्तेमाल करने की मंज़ूरी दी गई है.

दैनिक जीवन से जुड़ी वेबसाइट्स जैसे कि ऑनलाइन सॉपिंग साइट्स मिंतरा, फ्लिपकॉर्ट, अमेज़न, कुरिअर वेबसाइट्स, स्विगी, जोमैटो, जियो चैट, फैब इंडिया और पेटीएम को भी इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली है.

यात्रा से जुड़े वेबसाइट्स ट्रिवागो, यात्रा, क्लेयर ट्रिप और एयरलाइन्स से जुड़े आधिकारिक साइट्स को भी इस्तेमाल किया जा सकता है.

वीडियो स्ट्रीमिंग साइट्स जैसे कि नेटफ्लिक्स, अमेज़न और हॉटस्टार जिसे मनोरंजन का प्लेटफॉर्म माना जाता है, उसे भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अभी भी ये देखा जाना बाकी है कि 2जी इंटरनेट स्पीड पर क्या ये साइट्स चलती हैं.

वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि कोई भी आधिकारिक पैनल इन वेबसाइट्स को मंजूरी देने के लिए गठित नहीं की गई है.

अधिकारी ने कहा, ‘नागरिक प्रशासन ने पुलिस से उन वेबसाइटों पर इनपुट मांगे, जिन पर श्वेतसूची में वेबसाइटें हैं. श्वेतसूचीकरण की प्रक्रिया एक सतत है और गृह विभाग और पुलिस बल के अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है.’

एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि सामान्यत: सभी विभागों के अधिकारियों को आमंत्रित किया जाता है और उनसे इनपुट मांगा जाता है.

अधिकारी ने कहा, ‘हम यह भी कर रहे होंगे, लेकिन अब (प्रशासन) अधिकारियों द्वारा वेबसाइटों का श्वेतसूचीकरण किया जा रहा है. पृष्ठों की सामग्री की पूरी जांच के बाद वेबसाइटों को मंजूरी दी गई है. यदि कुछ आवश्यक वेबसाइटें हैं जिन्हें छोड़ दिया गया है, तो यह इसलिए है क्योंकि प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा रहा है.’

कुछ वेबसाइटों को दो बार सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें दिप्रिंट, आउटलुक और मनीकंट्रोल शामिल हैं.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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