लखनऊ: लखनऊ घराने की मशहूर कथक डांसर मंजरी चतुर्वेदी ने यूपी सरकार के अधिकारियों पर परफाॅर्मेंस बीच में रोकने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि वह यूपी सरकार के कार्यक्रम में कव्वाली पर परफॉर्म करने वाली थीं तभी कुछ अधिकारी स्टेज पर आए तुरंत कार्यक्रम बंद करने को कहा गया. इस दौरान ये भी कहा गया कि कव्वाली यहां नहीं चलेगी. सीएम योगी को कार्यक्रम में आना है इसलिए अब समय नहीं बचा है. मंजरी अधिकारियों के इस रवैये से बेहद आहत हुईं. सोशल मीडिया पर भी उनका दर्द झलक उठा.
दिप्रिंट से बातचीत में मंजरी ने कहा कि वह 25 साल से कथक परफाॅर्मेंस देती आई हैं लेकिन कभी बीच में नहीं रोका गया. उन्होंने अखिलेश, मायावती, मुलायम और राजनाथ सरकार के वक्त भी कई सरकारी कार्यकर्मों में कव्वाली पर परफाॅर्म किया लेकिन किसी ने आपत्ति नहीं जताई.
एक सरकारी आयोजन में विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी के पूर्व नियोजित कव्वाली-आधारित नृत्य को बीच में ही ये कहते हुए रोक देना कि ‘कव्वाली नहीं चलेगी यहाँ’ उप्र की समृद्ध गंगा-जमनी संस्कृति को संकीर्ण सोच से मारना है.
भाजपा देश के कलाकारों से माफ़ी माँगे.
घोर निंदनीय. pic.twitter.com/c8EGcYdloM
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 17, 2020
मंजरी के मुताबिक, वह लखनऊ में आयोजित सातवें काॅमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन इंडिया रीजन काॅन्फ्रेंस के सांस्कृतिक कार्यक्रम में परफार्म करने दिल्ली से आईं थीं. गुरुवार (16 जनवरी) रात को उनका 45 मिनट का कार्यक्रम एक निजी होटल में चल रहा था जिसमें सीएम योगी समेत यूपी सरकार के तमाम मंत्रियों व अधिकारियों को शिरकत करनी थी.
हालांकि उनकी पर्फार्मेंस के वक्त सीएम वहां मौजूद नहीं थे लेकिन इस बात की जानकारी दी गई थी वह आने वाले हैं. मंजरी ने अपनी परफाॅर्मेंस में जैसे ही कव्वाली पर नृत्य करना शुरू किया तो यूपी सरकार के कुछ अधिकारी स्टेज पर आ गए और परफाॅर्मेंस रोकने को कहा. वह हैरान रह गईं. उनसे कहा गया कि कव्वाली बंद की जाए.
कव्वाली गंगा जमुना तहजीब का प्रतीक
मंजरी ने स्टेज से ही माइक पर कहा कि कव्वाली पर ‘आपत्ति क्यों’ है. ‘ये गंगा जमुना तहजीब की पहचान है.’ वह खुद लखनऊ घराने की कथक डांसर हैं जो देशभर में अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है. मंजरी के कहने के बावजूद अधिकारी नहीं माने और म्यूजिक कंसोल बंद करवा दिया. निराश होकर मंजरी वहां से चली गईं. इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपना दर्द साझा किया. बता दें कि मंजरी चतुर्वेदी मशहूर सूफी व कथक डांसर हैं. उनका ताल्लुक लखनऊ घराने से है लेकिन वह दिल्ली में रहती हैं.
अधिकारियों ने मांगी माफी
मंजरी ने दिप्रिंट को बताया कि शुक्रवार को यूपी सरकार के एक बड़े अधिकारी ने फोन करके उनसे माफी मांगी है और 27 जनवरी को होने वाले यूपी दिवस के कल्चरल इवेंट में भी परफाॅर्म करने का न्योता दिया है. मंजरी के मुताबिक, उनसे ये भी कहा गया है कि उनका पूरा परफाॅर्मेंस इस बार करवाया जाएगा. इस दौरान सीएम योगी भी मौजूद रहेंगे. मंजरी का कहना है कि वह सीएम योगी के सामने कव्वाली परफार्म करना चाहती हैं इस कारण वह 27 जनवरी के कार्यक्रम में हिस्सा जरूर लेंगी. मंजरी के मुताबिक, गंगा जमुनी तहजीब का कितना सम्मान यूपी के अधिकारियों में है ये 27 जनवरी को पता चलेगा.
आयोजकों का तर्क
कार्यक्रम का आयोजक संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव जीतेंद्र कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि बारिश के कारण सभी कल्चरल परफार्मेंस में थोड़ा लेट हो रहा था. मंजरी चतुर्वेदी लगभग आधे घंटे से ज्यादा परफाॅर्म कर चुकी थीं ,इसके बाद बृज की रास लीला का भी कार्यक्रम बाकी था. उसी वक्त सीएम योगी को भी आना था, इसके बाद डिनर था. देर हो रहे कार्यक्रम को मैनेज करने के लिए मंजरी चतुर्वेदी के परफार्मेंस को छोटा कराया गया. किसी अधिकारी को न कव्वाली से दिक्कत थी और न ही कलाकार को ठेस पहुंचाने का उदेश्य था. पहले भी दूसरे कलाकारों के कार्यक्रम छोटे करवाए गए हैं. हमने मंजरी से फोन पर अपना पक्ष रखा है. हम उनकी कला का बेहद सम्मान करते हैं और भविष्य के कार्यक्रमों में भी इनवाइट करेंगे. सीएम ऑफिस की ओर से फिलहाल इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रया नहीं आई है.