नई दिल्ली: इस साल भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के प्रधानमंत्रियों की बैठक में इमरान खान को भी आमंत्रित किया जाएगा. पाकिस्तान को न्यौता दिए जाने के एक प्रश्न पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सभी आठ देशों और चार पर्यवेक्षकों को आमंत्रित किया जाएगा.
Raveesh Kumar, MEA: As per the established practice & procedure within SCO all 8 members of SCO, as well as 4 observer states & other international dialogue partners will be invited to attend the meeting. https://t.co/28MY5TVOzW
— ANI (@ANI) January 16, 2020
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि एससीओ के सभी 8 सदस्यों के साथ-साथ इसके 4 पर्यवेक्षक राज्यों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संवाद भागीदारों को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
भारत ने चीन को आड़े हाथों लिया
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर का विषय उठाने की कोशिश में पाकिस्तान की मदद करने पर चीन को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि चीन को वैश्विक आम-सहमति पर गंभीरता से सोचना चाहिए और भविष्य में इस तरह के कृत्य से बचे.
भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने चीन की मदद से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बार-बार कश्मीर मुद्दे को उठाने का प्रयास किया है लेकिन उसे किसी का समर्थन नहीं मिला. ताजा प्रयास भी विफल हो गया क्योंकि 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों को लगता है कि कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है.
रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने यूएनएससी का दुरुपयोग करने की कोशिश की. इस्लामाबाद के पास भविष्य में इस तरह की वैश्विक शर्मिंदगी से बचने का विकल्प है.
यूएनएससी में कश्मीर का मुद्दा उठाने के चीन के प्रयास पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षा परिषद का बहुमत के साथ विचार है कि इस तरह के मुद्दों के लिए यह सही मंच नहीं है.
कुमार ने कहा कि बेबुनियाद आरोप लगाने तथा परिदृश्य को बहुत चिंताजनक दर्शाने के पाकिस्तान के प्रयास विफल हो गये हैं क्योंकि उसकी प्रामाणिकता नहीं है.
कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन को वैश्विक आम-सहमति के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए और भविष्य में इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए.
रवीश कुमार ने बताया कि यह एक सार्वजनिक जानकारी है कि भारत इस साल के आखिर में एसीओ परिषद के प्रमुखों की बैठक की मेजबानी करेगा. यह बैठक प्रधानमंत्री स्तर पर प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है और इसमें एससीओ के कार्यक्रम और बहुपक्षीय आर्थिक और व्यापार सहयोग पर चर्चा की जाती है.