जम्मू: जम्मू कश्मीर सरकार ने बुधवार को कहा कि आतंकी संगठन भारत में घुसपैठ की साजिश को अंजाम देने और कश्मीर में अपने साथियों को फिर से सक्रिय करने के लिए कूट मोबाइल संवाद और वॉइस ऑन इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) का इस्तेमाल कर रहे हैं.
सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह यह एक साबित तथ्य है.
उन्होंने कहा, ‘आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वॉइस ऑन इंटरनेट प्रोटोकॉल तथा इनक्रिप्टेड (कूट) मोबाइल संवाद का प्रयोग करते हुए और विभिन्न सोशल मीडिया अनुप्रयोगों के जरिए सीमा पार से घुसपैठ के लिए आतंकवादी लगातार प्रयास कर रहे हैं. कैडरों को फिर सक्रिय करने तथा ना केवल कश्मीर खंड में बल्कि जम्मू खंड के भी कुछ इलाके में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की कोशिश हो रही है.’
वीओआईपी इंटरनेट आधारित फोन सर्विस है.
कंसल ने कहा कि पिछले साल जम्मू कश्मीर के संबंध में संवैधानिक बदलाव के मद्देनजर कुछ बंदिशें लगायी गयीं.
उन्होंने कहा, ‘लैंडलाइन और मोबाइल टेलीफोन, एसएमएस सेवा पूरी तरह चालू है. जम्मू खंड में फिक्सड लाइन ब्रॉडबैंड सुविधा कायम है, जबकि कश्मीर खंड में आम लोगों, छात्रों आदि की सुविधा के लिए 844 ई-टर्मिनल बनाए गए. पर्यटकों के लिए 69 विशेष काउंटर बनाए गए. जीएसटी रिटर्न्स और विभिन्न परीक्षाओं के लिए अलग अलग टर्मिनल बनाए गए हैं.’
केंद्र शासित क्षेत्र के प्रशासन में योजना और विकास के प्रधान सचिव कंसल ने कहा कि आवश्यक सुविधाओं वाले विभागों सहित कई सरकारी विभागों और सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट की सुविधा है.