नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में जेएनयू छात्र संघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्यों के बीच रविवार को झड़प होने की खबर आ रही है. जेएनयू की तरफ जाने वाले रास्ते को भी पुलिस ने बंद कर दिया है. शिक्षाविद योगेंद्र यादव को जेएनयू के मुख्य द्वार पर कुछ लोगों ने रोक दिया और उनके साथ बदसलूकी की गई.
जेएनयू परिसर में अभी भी रूक-रूक कर हिंसा हो रही है. दिल्ली पुलिस काफी बड़ी संख्या में कैंपस में मौजूद है लेकिन उनकी सक्रियता हिंसा को पूरी तरह से नहीं रोक पा रही है. जेएनयू के मुख्य द्वार के पास काफी बड़ी संख्या में एबीवीपी और लेफ्ट संगठन के छात्र हैं जो नारे लगा रहे हैं. जिनमें से एक धड़ा ‘देशद्रोही भारत छोड़ो’ के नारे लगा रहा है. मुख्य द्वार के पास जेएनयू टीचर्स एसोसिशन के सदस्य भी मौजूद हैं.
विश्वविद्यालय के उपकुलपति एम जगदीश कुमार पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने समय रहते पुलिस को नहीं बुलाया जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई.
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से आए आधिकारिक बयान में विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की निंदा की गई है. जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष रहे सीताराम येचुरी और कन्हैया कुमार ने भी कैंपस में हुई हिंसा की निंदा की है. जेएनयू की पूर्व छात्रा रही अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने भी इस हिंसा की निंदा की है.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी एम्स के ट्रामा सेंटर पहुंची जहां पर जेएनयू के 18 छात्र घायल होने के बाद भर्ती हैं.
एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू रजिस्ट्रार से कैंपस में हुई हिंसा पर रविवार शाम तक रिपोर्ट मांगी है. मानव ससांधन विकास मंत्रालय की तरफ से आए बयान में कहा गया कि मुखौटा लगाए हुए कुछ लोगों का समूह जेएनयू में घुस गया और उन्होंने वहां पथराव किया, छात्रों पर हमला किया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी जेएनयू में हुई हिंसा की निंदा की है और शांति बनाए रखने की अपील की है.
पोखरियाल ने ट्वीट कर कहा, ‘जेएनयू में हुई हिंसा अत्यंत चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं परिसर के भीतर हुई हिंसा की निंदा करता हूं. मैं सभी विद्यार्थियों से विश्व विद्यालय की गरिमा और परिसर में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.’
HRD Ministry has sought a report from the JNU Registrar regarding campus violence on Sunday evening @ThePrintIndia
— Kritika Sharma (@S_kritika) January 5, 2020
योगेंद्र यादव ने कहा कि जब मेरे साथ कैंपस के बाहर ऐसी हरकत की जा रही है तो सोच सकते हैं कि अंदर क्या हो रहा होगा.
#WATCH Swaraj Party leader Yogendra Yadav manhandled outside Jawaharlal Nehru University in Delhi. #JNU pic.twitter.com/L9kB9W1IoR
— ANI (@ANI) January 5, 2020
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष को काफी चोट लगी है. कहा जा रहा है कि 15 के करीब बच्चों को एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है. जेएनयू के कुछ अध्यापकों को भी चोट आईं है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक से बात की है और जेएनयू की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की है. ज्वाइंट सीपी रैंक के अधिकारी जांच करेंगे और रिपोर्ट सौंपेंगे.
इस पूरे मामले पर अभी तक जेएनयू के उप-कुलपति एम जगदीश कुमार की कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. हालांकि जेएनयू प्रशासन ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि शांति बनाए रखे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं जेएनयू में हुई हिंसा की खबर जानकर अचंभित हूं. छात्रों पर बुरी तरह हमला किया गया है. पुलिस को तुरंत हिंसा पर लगाम लगानी चाहिए और शांति बहाल करनी चाहिए. देश कैसे प्रगति करेगा जब विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र सुरक्षित नहीं है?’
केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मैंने उपराज्यपाल के बात की है और उनसे कहा है कि पुलिस को शांति बहाल करने को कहे. उनसे मुझे आश्वासन दिया है कि वो इस पूरे मामले पर नज़र बनाए हुए हैं और सारे जरूरी कदम उठाएंगे.
Spoke to Hon’ble LG and urged him to direct police to restore order. He has assured that he is closely monitoring the situation and taking all necessary steps https://t.co/gpRGCCbwGF
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 5, 2020
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने ट्वीट कर इस पूरी घटना की निंदा की और पुलिस को कदम उठाने का आदेश दिया.
The violence in JNU against students and teachers is highly condemnable. Directed @DelhiPolice to take all possible steps in coordination with JNU Administration to maintain law and order & take action against the perpetrators of violence. The situation is being closely monitored
— LG Delhi (@LtGovDelhi) January 5, 2020
दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जेएनयू के छात्र इस पूरी घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘फासिस्ट लोग देश पर अपना नियंत्रण करना चाहते हैं और वो बहादुर छात्रों की आवाज़ से डरती है. आज की जेएनयू की घटना उसी डर को प्रतिबिंबित करती है.’
The brutal attack on JNU students & teachers by masked thugs, that has left many seriously injured, is shocking.
The fascists in control of our nation, are afraid of the voices of our brave students. Today’s violence in JNU is a reflection of that fear.
#SOSJNU pic.twitter.com/kruTzbxJFJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 5, 2020
सूत्रों के मुताबिक जेएनयू शिक्षक संघ द्वारा बुलाई गई बैठक के दौरान यह झड़प हुई.
छात्र संघ ने दावा किया कि उसकी अध्यक्ष आईशी घोष और कई अन्य छात्र एबीवीपी सदस्यों के पथराव में चोटिल हो गए.
हालांकि आरएसएस से संबद्ध छात्र संगठन एबीवीपी ने आरोप लगाया कि वाम समर्थित छात्र संगठनों ने क्रूरतापूर्ण तरीके से हमला किया और उनके 25 कार्यकर्ता घायल हो गये.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस घटना की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं इस हिंसा की निंदा करता हूं. यह पूरी तरह विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है.’
Have seen pictures of what is happening in #JNU. Condemn the violence unequivocally. This is completely against the tradition and culture of the university.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) January 5, 2020
जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य नकाब पहनकर परिसर में लाठियां, रॉड लेकर घूम रहे थे.
छात्र संघ ने आरोप लगाया, ‘वे ईंट पत्थर फेंक रहे थे. छात्रावासों में घुसकर छात्रों को पीट रहे थे. कई शिक्षक की भी पिटाई की गयी.’
उन्होंने दावा किया कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष घोष पर बुरी तरीके से हमला किया गया और उनके सिर से खून बह रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों को परिसर में घुसने की अनुमति दी गयी और वे लड़कियों के हॉस्टलों में भी घुस गये.
उधर, एबीवीपी ने दावा किया कि वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई, आईसा और डीएसएफ के सदस्यों ने उन पर बुरी तरह हमला किया.
उसने कहा, ‘हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये और 11 छात्रों का अतापता नहीं है. छात्रावासों में कई एबीवीपी सदस्यों पर हमले हो रहे हैं तथा वामपंथी गुंडे छात्रावासों में तोड़फोड़ कर रहे हैं.’
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कानून-व्यवस्था कायम रखने के लिए जेएनयू प्रशासन की तरफ से किए गए अनुरोध पर उसने विश्वविद्यालय के परिसर में प्रवेश किया.
इस पूरी घटना के बाद दिल्ली पुलिस पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि पुलिस के होते हुए भी ऐसी स्थिति क्यों बनी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)