scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमराजनीतिकांग्रेस सेवादल ने महाराष्ट्र में अपनी ही पार्टी की बढ़ाई मुश्किलें, सावरकर- गोडसे वाली किताब वापसी से किया इंकार

कांग्रेस सेवादल ने महाराष्ट्र में अपनी ही पार्टी की बढ़ाई मुश्किलें, सावरकर- गोडसे वाली किताब वापसी से किया इंकार

देसाई ने दिप्रिंट से कहा, यह किताब पिछले वर्ष की है. इसे लेकर अभी क्यों बवाल मचाया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा चाहती है कि इस किताब को लेकर इश्यू बने.

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस सेवा दल की किताब में वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच कथित रिश्तों को लेकर किए गए उल्लेख के बाद राजनीतिक हलकों में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस विवाद के बाद संगठन के प्रमुख लालजी देसाई ने शुक्रवार को दिप्रिंट से कहा कि संगठन को सावरकर के ‘माफी मांगने और दो राष्ट्र के उनके सिद्धांत’ को लेकर आपत्ति है.

महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने भी सेवा दल की पुस्तक पर आपत्ति जताते हुए कहा कि महाराष्ट्र और पूरे देश को सावरकर पर गर्व है. दूसरी तरफ शिवसेना ने एकबार फिर कांग्रेस को हद में रहने की हिदायत दे दी है. संजय राउत ने कहा, ‘वीर सावरकर एक महान व्यक्ति थे और एक महान व्यक्ति बने रहेंगे. एक वर्ग उसके खिलाफ बात करता रहता है, यह उनके दिमाग में गंदगी को दिखाता है.चाहे वो कोई भी हों.’


यह भी पढ़ें: गोडसे और सावरकर के कथित ‘शारीरिक संबंध’ के मामले ने तूल पकड़ा, परिवार और शिवसेना तिलमिलाई


अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा,’सावरकर को लेकर फरवरी 2019 में कुछ तथ्यों को उजागर करते हुए एक किताब अजमेर के राष्ट्रीय अधिवेशन में जारी की थी. इस किताब में यह भी लिखा है कि सावरकर ब्रिटिशों से क्यों मिलते थे. उन्होंने कितनी बार अंग्रेजो से माफी मांगी इसे लेकर पूरी जानकारी भी दी गई है.’

दिप्रिंट से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा,’ इसके अलावा गांधीजी की हत्या की जांच के लिए बने ​कमिशन में भी 1967 में अपने जजमेंट में कहा था कि इस साजिश के मुख्य सूत्रधार सावरकर थे. गोडसे को पहचानने से भी इंकार कर दिया. पुस्तक ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में लिखा हुआ है कि दोनों के कितने करीबी संबंध थे. उन दोनों में क्या संबंध थे उस पर हम लोगों को कोई लेना देना नहीं है. संघियों के अलावा कांग्रेस व अन्य लोग जिन्होंने आजादी के आंदोलन में भाग लिया उन्होंने कभी भी ​अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी. हमारा सवाल है कि अगर सावरकर वीर हैं तो अपने साथियों को पहचानने से इंकार कैसे कर सकते है. अगर वीर हैं तो नौ बार अंग्रेजो से लिखित और दो बार मौखिक माफी कैसे और क्यों मांगी.’

देसाई ने कहा, ‘कौन सी किताब में किस पेज पर क्या प्रकाशित हुआ है. इसको लेकर अब हम सोशल मीडिया में भी प्रसारित करेंगे. हम आरएसएस और भाजपा की तरह कोई झूठ नहीं बांटेंगे हम सत्य को बार-बार बांटेंगे’

शिवसेना द्वारा किताब को लेकर हो रहे विरोध और महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ गठबंधन के सवाल के जवाब में देसाई ने कहा, यह किताब पिछले वर्ष की है. इसे लेकर अभी बवाल मचा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस और भाजपा चाहती होगी कि इस किताब को लेकर कोई इश्यू बने. हम कांग्रेस का पार्टी का अ​भिन्न अंग हैं. महाराष्ट्र में सरकार एक साझा न्यूतनम प्रोग्राम के तहत चल रही है. इस किताब का उससे कोई भी लेना देना नहीं है.’

कांग्रेस को शर्मिंदा होना चाहिए-शाह

वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के संबंध पर कांग्रेस सेवा दल द्वारा जारी किताब पर भाजपा अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस पर आड़े हाथों लिया, उन्होंने राजस्थान के जोधपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी वोट-बैंक की राजनीति कर रही है, कांग्रेस पार्टी हमेशा महान लोगों जैसे वीर सावरकर के खिलाफ बोलती आई है. कांग्रेस को खुद पर शर्म आनी चाहिए.

भाजपा महासचिव अनिल जैन ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस तुच्छ राजनीति कर रही है और भाजपा इस स्तर पर नहीं गिरेगी.

शिवराज बोले- शर्मनाक

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट किया और इस पूरे मामले को शर्मनाक कहा है. उन्होंने लिखा, ‘शर्मनाक! ऐसी अनर्गल टिप्पणी कांग्रेस के बौद्धिक दिवालियेपन की गवाही दे रहे हैं. आसमान की ओर मुंह करके थूकने से आकाश गंदा नहीं होता है, बल्कि वह थूकने वाले पर ही गिरता है. अपने इन्हीं कारनामों के कारण कांग्रेस आज मृत्यु शैया पर पड़ी है.’


यह भी पढ़ें: राहुल गांधी के सावरकर के तंज़ पर शिवसेना बौखलाई पर वीएचपी क्यों मुस्कुराई


मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद राकेश सिंह ने कांग्रेस सेवा दल के कार्यक्रम में सावरकर को लेकर बांटे गए साहित्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘कांग्रेस मतिभ्रम के दौर से गुजर रही है. वह समझ नहीं पा रही कि किसका विरोध करें और किसका समर्थन करें.’

उन्होंने कहा कि इस दौर में कांग्रेस के नेता उन राष्ट्र भक्तों को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे जो राष्ट्रभक्त विशेष रूप से बहुसंख्यक आबादी के हितचिंतक रहे हैं.

कांग्रेस लोगों को भ्रमित कर रही है: साध्वी प्रज्ञा

इस मामले में मध्यप्रदेश के भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘यह कांग्रेस की चाल है जब देश हित में जनता खड़ी होती है तो कांग्रेस उन्हें रोकने की पूरी चाल चलती है क्रांतिवीरों शहीदों का अपमान करके देश को भ्रमित करती है और सच्चाई जानने से रोकने का कुत्सित प्रयास कर रही है. देश सब समझ रहा है.देश के शहीदों को नमन.’

वहीं मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी इस मामले में कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा है. भारती ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब गांधी परिवार ‘जय श्रीराम’ और ‘भारत माता की जय’ बोलेगा. कांग्रेस की आदत है महापुरुषों की अपमान करना. कांग्रेस का दिमागी संतुलन खो गया है.

इस दौरान भारती ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधा और पूछा कि क्या महाराष्ट्र के सीएम उद्धव को सीएम का पद प्यारा है. क्या अब वे इस्तीफा देंगे?

share & View comments