नई दिल्ली: दिल्ली में ठंड के कहर से लोग बीमार होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने सोमवार को बताया कि दिल्ली में पहाड़ी क्षेत्रों से भी ज्यादा ठंड है और अस्पताल के ओपीडी में भीड़ 20 फीसदी बढ़ गई है. लोग सांस संबंधी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं.
डॉक्टर गुलेरिया ने बताया, ‘दिल्ली पिछले कुछ सप्ताह से सर्दी झेल रही है. पहाड़ी क्षेत्रों की तुलना में भी यहां ठंड ज्यादा गंभीर है. यहां धुंध और सूरज न दिखने से तापमान नीचे है. सर्दी से ओपीडी में मरीजों की संख्या 15-20 फीसदी बढ़ गई है. ब्रोकाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं. हृदय रोगी भी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. अगर स्वस्थ लोग अपना ध्यान नहीं रखते तो हाइपोथर्मिया की स्थिति का सामना कर सकते हैं जिसकी वजह से शरीर का तापमान असामान्य तौर पर कम हो जाता है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘ठंड के मौसम में स्किन में सूखापन रहता है और आंखों में जलन होती है. वायरल संक्रमण और इन्फ्लूएंजा के मामले अधिक होते हैं क्योंकि वायरस काफी ज्यादा संख्या में हवा में बने रहते है. छोटे बच्चों और बुजुर्ग लोगों को भी निमोनिया हो सकता है. सुबह की सैर लोगों को खुद को अच्छी तरह से ढक कर करनी चाहिए. आदर्श स्थिति होगी लोग तब टहलने जाएं जब तापमान बढ़ जाए.’
गौरतलब है कि रविवार को शीतलहर के चलते दिल्ली में कंपकंपी जारी रही, न्यूनतम तापमान 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
शनिवार को, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए ‘लाल’ चेतावनी जारी की. इस क्षेत्र में शीत लहर की स्थिति लगातार जस की तस बनी हुई है. लाल रंग मौसम की अत्यधिक खराब स्थिति को दर्शाता है.
31 दिसंबर से, राजधानी शहर और इसके आसपास के क्षेत्रों जैसे नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद में बारिश की संभावना है.
मौसम की भविष्यवाणी करने वाली एजेंसी के अनुसार मौसम की यह हालत 3 जनवरी तक जारी रहने की संभावना है.