लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लखनऊ में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया और अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी. उन्होंने इस दौरान राम मंदिर, अनुच्छेद 370 मुद्दे को विरासत में मिली समस्या बताते हुए इसे शांति से हल करने की बात की. पीएम ने इस दौरान सीएए-एनआरसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन के नाम पर हिंसा का रास्ता अपनाने वालों को समझाने की भी कोशिश की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक भवन में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी वहां मौजूद थे.
पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए उन्होंने कहा कि अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं समग्रता में देखना होगा. यही बात सरकार के लिए भी सत्य है, सुशासन के लिए भी सत्य है. सुशासन भी तब तक संभव नहीं है, जब तक कि हम समस्याओं पर संपूर्णता में, समग्रता में नहीं सोचेंगे.
अपनी योजनाओं से राज्य के लोगों को मिलने वाले फायदे की बात करते हुए पीएम ने कहा आयुष्मान भारत के अंतर्गत देश के करीब 70 लाख गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज हो चुका है, जिसमें करीब 11 लाख लोग उत्तर प्रदेश से हैं.
मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और राम मंदिर के मुद्दों का शांति से हल किया गया है. पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से शरणार्थियों को नागरिकता देने का रास्ता साफ हो गया है. 130 करोड़ भारतीयों ने आत्मविश्वास के साथ ऐसी चुनौतियों का हल खोजा है.
अनुच्छेद 370 को चुनौती बताते उन्होंने कहा, ‘कितनी पुरानी बीमारी थी. कितनी कठिन लगती थी. हमें विरासत में मिली थी लेकिन हमारा दायित्व था कि कठिन से कठिन चुनौतियों को सुलझाएं. हुआ, आराम से हुआ, सबकी धारणाएं चूर चूर हो गयी हैं.’
पीएम ने कहा, ‘हमारा प्रयास है कि सरकार उलझाने की बजाय सुलझाने का माध्यम बने.’
प्रधानमंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा ‘यूपी में कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की. वे खुद से सवाल करें कि क्या उनका यह रास्ता सही था? जो कुछ जलाया गया क्या वह उनके बच्चों के काम नहीं आने आता? हिंसा में जिन लोगों की मृत्यु हुई, जो लोग जख्मी हुए उनके परिवार पर क्या बीती रही होगी. मैं अफवाहों में आकर सरकारी सम्पत्ति को तोड़ने वालों से आग्रह करूंगा कि सार्वजनिक सम्पत्ति को बचाकर रखना उनका भी दायित्व है.’
पुराने तौर-तरीकों को बदलने की बात करते हुए पीएम ने कहा देश अब दस्तावेजों के सत्यापन के दौर से बाहर निकल रहा है. आज अधिकतर सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन या डिजिटल कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह पांच साल के लिए नहीं बल्कि पांच पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए अपना काम करने की आदत बनाये.
आत्मविश्वास से भरा हिन्दुस्तान 2020 में प्रवेश कर रहा है. हम चुनौतियों को चुनौती देने का स्वभाव लेकर निकले हैं. 2014 से 2019 के बीच हमने चुनौतियों को चुनौती देने का कोई मौका नहीं छोड़ा है.