लखनऊ: बसपा अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान राज्य में पिछले दिनों हुई हिंसा में मारे गये लोगों के बारे में सही जांच पड़ताल कर, बेकसूर लोगों के परिजन की मदद करने की मांग की है.
मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि सीएए और एनआरसी विरोधी हिंसा में उत्तर प्रदेश में मारे गए लोगों की सही जांच-पड़ताल की जाए और उनमें से जो लोग निर्दोष थे, उनके परिवार की मदद के लिए सरकार आगे आए, तो बेहतर होगा.
मालूम हो कि सीएए के खिलाफ प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में पिछले सप्ताह हुई हिंसा में कम से कम 17 लोग मारे गये थे.
मायावती ने पिछले दिनों यह भी कहा था कि बसपा के प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली को अधिकृत किया है कि वह पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ प्रदेश भर में सीएए और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों के पीड़ित परिवारों के घर जाएं और उन्हें सांत्वना दें कि इस दुःख की घड़ी में पार्टी उनके साथ है.
वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने नागरिकता संशोधन कानून पर ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ‘सीएए पर सरकार 7 सवाल का जनमत कराने से पहले ख़ुद से बस वो एक साधारण सवाल करे जो देश के अधिकांश नागरिकों के दिमाग में है और वो ये है कि ‘जब ये सरकार अपने ही देश के नागरिकों की समस्याएं नहीं सुलझा पा रही है तो उसे आख़िर इस नागरिकता संशोधन क़ानून को लाने की ज़रूरत ही क्या है.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)