नई दिल्ली: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी (आईआईटी) दिल्ली की एक टीम ने पांच एशियान देशों का दौरा किया. इस दौरे का उद्देश्य एशियान देशों से जुड़ी पीएचडी स्कॉलरशिप के बारे में जागरुकता फ़ैलाना है, जिसकी घोषणा पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 जनवरी 2018 को की थी.
पीएम मोदी ने इस घोषणा के दौरान कहा था कि एशियान देशों से आने वाले 1000 के करीब बच्चों को भारत में किसी भी आईआईटी में पीएचडी करने के लिए पूरी स्कॉरशिप दी जाएगी. स्कॉरशिप के इस कार्यक्रम विदेश और गृह मंत्रालय के अलावा शिक्षा मंत्रालय भी शामिल है.
आईआईटी दिल्ली के पास इस कार्यक्रम के नेतृत्व का ज़िम्मा है. इस कार्यक्रम के प्रमुख नोमेश बोलिया हैं जिनके नेतृत्व में एक टीम वियतनाम, कंबोडिया, ब्रुनेई और सिंगापुर जैसे आशियान के सदस्य देशों में इस कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार करके आई है.
बोलिया ने कहा, ‘इस कार्यक्रम के तहत 2019-20 के सत्र में दो चरणों में 250 सीटों पर इन देशों के बच्चों को दाखिला दिया जाएगा. पहले चरण में इन सीटों के लिए 142 बच्चों ने फॉर्म भरा है. हमारे दौरे के बाद हमें उम्मीद है कि फॉर्म भरने वाले बच्चों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा.’
फॉर्म भरने के लिए दूसरे राउंड में इन बच्चों को दिसंबर से मार्च के बीच का समय दिया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक हर साल बच्चे दो राउंड में फॉर्म भर सकेंगे. दूसरे राउंड में 300 और तीसरे राउंड में 450 बच्चों को दाखिला दिया जाएगा.
इसके लिए कुल बजट 300 करोड़ का बजट तय किया गया है जो आशियान देशों के साथ क्षमता निर्माण की पहल के मामले में अब तक की सबसे बड़ी रकम है.