नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव से भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को नाबालिग से बलात्कार के मामले में तीस हज़ारी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. जज धर्मेश शर्मा ने अपने आदेश में सेंगर को पीड़िता और अभियोजन पक्ष को 25 लाख रुपए देने को कहा है.
कोर्ट ने फैसला देते हुए उन बातों को भी ध्यान में रखा है जिसमें सेंगर को पीड़िता और उसके परिवार को धमकाने का आरोप था. कोर्ट ने सीबीआई को कहा है कि वो पीड़िता को घर मुहैया कराए और परिवार को सुरक्षा दें.
Judge Dharmesh Sharma awards life imprisonment till remainder of life to Kuldeep Singh Sengar in the #UnnaoCase.
He also awarded compensation of Rs 25 lakhs, out of which 10 lakhs will be paid to the victim and 15 lakhs to the prosecution.@ThePrintIndia
— Apoorva Mandhani (@MandhaniApoorva) December 20, 2019
पीड़िता की बहन ने कहा कि हमें खुशी है कि कोर्ट ने ये फैसला दिया. मैंने जो अपनों को खोया है उसे तो हम दोबारा नहीं पा सकते हैं लेकिन आज जो उसे उम्रकैद मिली है, इससे काफी खुशी मिल रही है.
बता दें कि 16 दिसंबर को सुनवाई में कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप मामले में दोषी ठहराया था. जिस पर आज फैसला सुनाया गया है.
11 अक्टूबर 2019 को पीड़िता की कार पर ट्रक के हमले में वह गंभीर रूप से घायल हुई थी. मामले में सीबीआई ने कुलदीप सेंगर को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था.
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पुलिस के मुताबिक, सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस लखनऊ से दिल्ली कोर्ट ट्रांसफर हुआ था. इसके बाद 5 अगस्त से रोज़ाना बंद कमरे में सुनवाई हो रही थी.
कोर्ट ने कुलदीप सेंगर पर आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय किए हैं.
जस्टिस शर्मा द्वारा फैसला सुनाए जाने से पहले सेंगर के वकील ने उसकी वित्तीय जानकारी कोर्ट के सामने पेश की. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सेंगर के वकील तनवीर अहमद, ध्रुव गुप्ता और तुशान रावल ने अदालत में उनके वित्तीय दस्तावेज़ पेश किये.
सीबीआई के वकील अशोक भारतेंदु ने पीड़िता के लिए सीआरपीसी के सेक्शन 357 और 357ए के तहत सेंगर की माली हालत के मद्देनज़र ठीक-ठाक मुआवज़े की मांग की थी.
सेंगर के 2017 चुनाव के हलफनामे के अनुसार, जज ने पाया कि उसकी चल एवं अचल संपत्ति कुल मिलाकर 1.44 करोड़ रुपए की है.
अगर सेंगर एक महीने के भीतर मुआवजा नहीं जमा करा पाता है तो कोर्ट ने आदेश दिया है कि उत्तर प्रदेश सरकार भूमि राजस्व के जरिए सीआरपीसी की धारा 421 के तहत इसे प्राप्त करेगी.
जस्टिस शर्मा ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि सीबीआई हर तीन महीने के बाद उन्नाव रेप पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा की निगरानी करेगी.
महिला जो कि घटना के समय 16 साल की थी, उसने सेंगर पर किडनैपिंग और बलात्कार का आरोप लगाया था. हालांकि सेंगर की सहयोगी शशि सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया है. सिंह हीं 4 जून 2017 की रात को पीड़िता को सेंगर के पास ले गई थी जिसके बाद उसने महिला के साथ रेप किया.
(अपूर्वा मंधानी के इनपुट के साथ)