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Sunday, 17 November, 2024
होमदेशबिजनौर गोलीकांड: दो छुटभैया बिल्डरों की नेतागिरी की चाहत में हत्यारा बना 11वीं का लड़का

बिजनौर गोलीकांड: दो छुटभैया बिल्डरों की नेतागिरी की चाहत में हत्यारा बना 11वीं का लड़का

बिजनौर जिले में हमलावरों ने अदालत में घुसकर पेशी पर लाये गये एक आरोपी की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी. जबकि दूसरा अभियुक्त भाग गया. इस मामले में 18 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

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बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में मंगलवार को भरी कचहरी में हुए गोलीकांड की चर्चा पूरे शहर में है. यहां के सीजेएम कोर्ट में दो लोगों की हत्या करवाने के आरोपी शहनवाज़ की पेशी के दौरान ताबततोड़ फायरिंग की आवाज़ आई. जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक शहनवाज़ के शरीर में 11 गोलियां उतारी जा चुकी थीं. शहनवाज़ पर बिजनौर स्थित नज़ीबाबाद के प्रॉपर्टी डीलर हाजी एहसान और उनके भांजे शाबाद की हत्या करवाने का आरोप है.

बिजनौर की वह अदालत जिमसें गोलियां चलीं/फोटो/मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

इस मामले में सुनवाई के लिए उसे और उसके साथी जब्बार को तिहाड़ जेल से दिल्ली पुलिस यहां लेकर आई थी. इस दौरान हाजी की दूसरी पत्नी का बेटा साहिल अपने दो साथियों के साथ यहां मौजूद थे. आरोप है कि सीजेएम कोर्ट में शहनवाज़ जब किसी कागज़ पर दस्तख़त कर रहा था कि तभी तीनों ने 20 राउंड से ऊपर गोलियां चलाईं और शहनवाज़ की जान ले ली. इस दौरान जब्बार तो भाग निकला पर दो अन्य लोग घायल हो गए.

महिला ने दिए हथियार

एसपी सीटी बिजनौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि जिस महिला ने तीनों हत्यारों को सीजेएम कोर्ट में हथियार दिए थे, वो अभी तक पकड़ी नहीं गई है. मुझे यकीन है कि ये सीजेएम कोर्ट में गोली चलाने वाले तीन हत्यारों में से एक साहिल की अम्मी रिज़वाना है जिसने षडयंत्र के तहत मेरे भाई शहनवाज़ की हत्या करवाई है,’ बिजनौर के गांव कनकपुर में ये संगीन आरोप मंगलवार को मौत के घाट उतारे गए शहनवाज़ के भाई सुहैल अंसारी ने लगाए.

सभी का प्रिय था शहनवाज़ अपने गांव में 

कनकपुर गांव में मक़ान सबसे अलीशान शहनवाज़ का है. शहनवाज़ प्रॉपर्टी डिलींग का काम करते थे. लेकिन उनके ऊपर मुख्तार अंसारी का शूटर होने, उगाही करने और उगाही ना मिलने पर हत्या करने जैसे संगीन आरोप भी हैं. ऐसे ही एक मामले में उनपर आरोप है कि उगाही नहीं मिलने पर उन्होंने इसी साल मई महीने में नाजीबाबाद के एक और प्रॉपर्टी डीलर हाजी एहसान और उनके भांजे शाबाद की हत्या करवा दी थी.

हत्या के आरोपों पर शहनवाज़ के भाई सुहैल ने कहा, ‘ठीक है उन्होंने हत्या कराई है…तो बात ख़त्म. लेकिन हाजी एहसान के परिवार ने तो उनकी न्याय के मंदिर में षडयंत्र के तहत हत्या कराई. अगर उन्होंने हत्या की थी, तो क़ानून उन्हें सज़ा देता. हम अभी भी यही चाहते हैं कि कानून के हिसाब से हमें न्याय मिले. हम चाहते हैं कि सिर्फ कोर्ट में गोली चलाकर शहनवाज़ को मारने वालों को ही नहीं बल्कि इसका षडयंत्र रचने वालों को भी उतनी ही सज़ा मिले.’

कनकपुर स्थित शहनवाज़ का घर/फोटो-मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

हत्या जैसे संगीन आरोपों वाले शहनवाज़ के गांव वालों ने एक सुर में कहा कि बाकी लोगों के लिए चाहे वो जैसा भी हो, गांव के लोगों के लिए भला आदमी था. कनकपुर में शहनवाज़ की घर से थोड़ी दूरी पर मिले मोहम्मद हनीफ़ ने कहा, ‘कभी-कभी ही गांव आया करते थे. गांव वालों के साथ तो अच्छा व्यवहार था.’

घर की है किलाबंदी

कथित तौर पर शहनवाज़ के इशारे पर मौत के घाट उतारे गए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रभारी हाजी अहसान का घर कनकपुर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांव नजीबाबाद में है. मई में हुई उनकी और उनके भांजे की हत्या के बाद उनके इस घर पर ताला लगा है.

हाजी के घर पर कंटीले तारों और सीसीटीवी से की गई किलाबंदी से साफ़ है कि उनके परिवार पर उनकी हत्या का दहशत अभी भी बरकरार है. यहां वो अपनी पहली पत्नी और तीन बच्चों के साथ रहते थे. हाजी के घर के बाहर इसी गांव के नज़ाकत हुसैन मिले. उन्होंने कहा, ‘एक पड़ोसी के तौर पर हम उनकी जितनी तारीफ़ करें कम है. हत्या के बाद से पूरा परिवार दिल्ली चला गया. कभी-कभार यहां आते हैं. मेरी जानकारी में इस शादी से इनकी दो बेटियां और एक बेटा थे.’

शदाबा नाम के एक और पड़ोसी ने कहा कि शहनवाज़ का नाम हमने हाजी की हत्या के बाद पहली बार सुना. मीडिया की ख़बरों से पता चला कि दोनों के बीच प्रॉपर्टी विवाद था. उनके घर की ऐसी किलाबंदी उनकी हत्या के बाद हुई ताकि आगे परिवार को कोई नुकसान न हो. हालांकि, गांवों वालों द्वारा की जा रही हाजी और शहनवाज़ की तारीफ़ों के उलट एसपी सीटी संजीव त्यागी ने कहा कि हाजी और शहनवाज़ दोनों ही आपराधिक प्रवृति के थे और दोनों ही के ख़िलाफ़ कई मुकदमें थे.

हाजी एहसान का नजीबाबाद स्थित घर/मनीषा मोंडल/दिप्रिंट

हाजी के गांव नजीबाबाद से कुछ थोड़ी दूरी पर कीरतपुर ब्लॉक है जहां उनकी दूसरी पत्नी रिज़वाना के भाई अब्दुल मन्नान रहते हैं. मन्नान समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और किरतपुर के चेयरमैन हैं. सब उन्हें अब्दुल मन्नान चेयरमैन के नाम से बुलाते हैं. सुहैल का आरोप है कि सीजेएम कोर्ट में हुई उनके भाई शहनवाज़ की हत्या के षडयंत्र में अब्दुल मन्नान चेरयमैन का हाथ है.

इन आरोपों के मुताबिक मन्नान ने अपनी बहन रिज़वाना के साथ मिलकर इस हत्या का षडयंत्र रचा और रिज़वाना ही वो औरत हैं जिन्होंने कोर्ट में गोली चलाने वाले उनके बेटे साहिल और उसके दो साथियों को वहां पिस्टल पहुंचाने का काम किया. इन आरोपों पर मन्नान के एक करीबी नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि उनके जीजा हाजी बसपा के चेयरमैंन थे और उन्हें विधायक का टिकट मिलने वाला था.


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करीबी ने आगे कहा, ‘शहनवाज़ भी इस पार्टी से विधायकी लड़ना चाहता था. इतना ही नहीं, उसने मन्नान के जीजा हाजी से 20 लाख़ की रकम उगाही के तौर पर मांगी थी. हाजी ने पांच लाख़ दे भी दिए, लेकिन बाकी पैसे नहीं मिलने और नेतागिरी के लिए इलाक़े में अपना ज़ोर साबित करने के लिए शहनवाज़ ने उन्हें और उनके भांजे को अपने शूटर जब्बार से गोली मरवा दी गई जब दोनों रोज़ की नमाज़ पढ़ रहे थे.’

बिजनौर के एसपी सीटी संजीव त्यागी ने दिप्रिंट से कहा, ‘शहनवाज़ का शूटर साथी जब्बार भी घटना के दौरान कोर्ट में था. गोली चलने का फ़ायदा उठाकर वो भाग गया. उसके इस तरह से भागने से हाजी के परिवार को ख़तरा हो सकता है. पूरी कोशिश की जा रही है कि उसे गिरफ्तार किया जाए.’ मन्नान पर लगे आरोपों के बारे में उन्होंने कहा कि ‘इसकी विवेचना की जा रही है, अगर उसकी भूमिका पता चलेगा तो कार्रवाई की जाएगी.’

डॉक्टर बनाना चाहते थे परिवार वाले

हाजी का बेटा साहिल बिजनौर स्थित अंग्रेज़ी मीडियम वाले मॉर्डन ऐरा पब्लिक स्कूल में 11वीं में पढ़ाई कर रहा था. परिवार वाले उसे डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन बताया जाता है कि पिता की हत्या के बाद को डिस्टर्ब हो गया. गोली चलाने के बाद उसने कोर्ट में चीखते हुए कई बार कहा कि उसने अपने अब्बा की मौत का बदला ले लिया. रिज़वाना वकील हैं और बिजनौर में रहती हैं उनका एक और बेटा है जो साहिल से छोटा है.

हाजी के एक और रिश्तेदार ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘शहनवाज़ मुख़्तार अंसारी का शूटर था. इलाके में लोग उससे डरते थे. हाजी की हत्या के मामले में भी किसी ने एफआईआर नहीं कराई. फिर मन्नान भाई ने ये लड़ाई मोल ली. उसने तो एक बार पुलिस वालों को बंदी बना लिया था.’

रिश्तेदार ने आगे कहा कि एक मामले में शहनवाज़ के घर की कुर्की होने वाली थी, लेकिन परिवार वालों ने उसे बेदखल बताकर घर की कुर्की होने से बचा लिया. उसका छोटा भाई शाह आलम इसी डबल मर्डर मामले में जेल में है. इन सबके बीच एसपी सीटी ने कहा, ‘सुरक्षा में हुई चूंक के ख़िलाफ़ कदम उठाते हुए 18 पुलिस वालों को स्सपेंड किया गया है. कोर्ट में दो गेट थे. जिस एक गेट पर सुरक्षा नहीं होती थी उसे बंद करा दिया गया है.’

जिस सीजेएम कोर्ट में ये गोलीकांड हुआ वहां से थोड़ी दूर पर एक किराना दुकान चलाने वाले संजय विश्नोई पेशे से वकील का भी काम करते हैं. उन्होंने बताया कि शहर में अपराध काफ़ी है लेकिन इस तरह कोर्ट में घुसकर तीन लड़कों द्वारा पिस्टल से गोली चलाने का अपनी तरह का ये पहला मामला है. वहीं, इस गोली कांड के पीछे की कहानी हिंदी फिल्म गैंग्स ऑफ़ वासेपुर से कम नहीं है.

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