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Friday, 22 November, 2024
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जामिया मिल्लिया इस्लामिया मामले में 10 लोग गिरफ्तार, कोई छात्र नहीं

पुलिस ने इस दौरान संपत्ति को नुकसान और दंगे को लेकर दो एफआईआर दर्ज किए हैं और जांच की कार्रवाई में जुटी है.

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नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया मामले में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने 10 आपराधिक पृष्ठिभूमि के लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार हुए लोगों में कोई छात्र नहीं है. साथ ही इस दौरान संपत्ति को नुकसान और दंगे को लेकर दो एफआईआर दर्ज किए हैं.

इसके अलावा पुलिस ने सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने वालों पर केस दर्ज करना शुरू कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने कहा 10-12 ऐसी फेक पोस्ट की पहचान की गई है.

पुलिस के एक सूत्र के अनुसार, दक्षिण दिल्ली के जामिया इलाके से रविवार दोपहर की गई हिंसा की जांच में पता चला है कि उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप पर फर्जी खबरों को ‘गैर जिम्मेदाराना पोस्ट’ द्वारा कथित रूप से भड़काया गया था.

वीडियो सोशल मीडिया पर कई लोगों ने साझा किए हैं जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं.

जामिया मिलिया में अपनी कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस लगातार निशाने पर बनी रही और इसके मुख्यालय को रविवार देर शाम प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया था.

सोमवार सुबह मुख्यालय पर स्थिति अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण थी, प्रदर्शनकारियों ने सुबह 4:30 बजे तक क्षेत्र को खाली कर दिया था. आईटीओ में पुलिस भवन के मुख्य द्वार के बाहर लगे बैरिकेड्स को सुबह 10:30 बजे तक हटा दिया गया था, लेकिन कई बंदूकधारियों और सिपाहियों को प्रवेश मार्ग के पास खड़े नहीं होने मना करते देखा गया.

वहीं इससे पहले दिल्ली पुलिस के लाठीचार्ज और आंसू गैस छोड़ने को पर काफी विवाद हुए. तमाम लोग दिल्ली पुलिस के विरोध और जामिया के छात्रों के समर्थन में सड़कों पर उतर आए.

पुलिस ने कहा था होगी जामिया हिंसा की जांच

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसकी अपराध शाखा जामिया हिंसा की जांच करेगी और लोगों को सोशल मीडिया की अफवाहों पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए. पुलिस ने जोर देकर कहा कि घटना के दौरान कोई गोलीबारी नहीं हुई.

दिल्ली पुलिस के जन संपर्क अधिकारी एमएस रंधावा ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के उकसावे के बावजूद अधिकतम संयम दिखाया और न्यूनतम शक्ति का इस्तेमाल किया.

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जामिया हिंसा के दौरान गोलियां नहीं चलायी गयी, कोई हताहत नहीं हुआ. अपराध शाखा जामिया हिंसा की जांच करेगी. गहन जांच की जाएगी और जवाबदेही तय की जाएगी.’

उन्होंने कहा, ‘हिंसा के दौरान डीटीसी की चार बसों, 100 निजी वाहनों और पुलिस की 10 मोटरसाइकिलों को नुकसान पहुंचाया गया. एक पुलिसकर्मी आईसीयू में है.’

दिल्ली पुलिस के पीआरओ ने बताया कि 29 लोगों को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मेडिकल जांच की गई.

रंधावा ने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर नजर रख रही है और सभी सीसीटीवी कैमरों और सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो की जांच की जाएगी और मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, ‘हम सोशल मीडिया पर नजर रख रहे हैं. मैं विद्यार्थियों एवं आम लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करता हूं.’

अधिकारी ने कहा कि जामिया में विरोध प्रदर्शन शुक्रवार को शुरू हुआ और सराय जुलेना और सुहेलदेव नगर में पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ उचित व्यवस्था की गई.

रंधावा ने कहा कि जब छात्र इन स्थानों पर पहुंचे, तो उन्हें रोक दिया गया और उन्होंने अधिकतम संयम बरतने वाले पुलिसकर्मियों को धक्का देने की भी कोशिश की. छात्र थोड़ी देर बाद घटनास्थल से चले गए.

अधिकारी ने कहा कि उसके बाद शनिवार को भी विरोध प्रदर्शन हुए लेकिन पुलिस ने अधिकतम संयम बरता जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से चले गए.

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