नई दिल्ली: सर्दी का मौसम शुरू हो गया है. देश के कई राज्यों में कड़ाके की सर्दी और घना कोहरा पड़ रहा है. ऐसे में कई हिस्सों में ट्रेन लेट होनी शुरू हो गई हैं. कोहरे से निपटने के लिए रेलवे ने इस बार खास तैयारियां की हैं. ऐसे में रेलवे ने राजधानी, शताब्दी, वंदेभारत, तेजस और दूरंतो एक्सप्रेस की श्रेणी वाली करीब 7 हज़ार ट्रेनों में सैटेलाइट से संचालित होने वाले फाग सेफ्टी डिवाइस लगाए गए हैं जो रेलवे चालक को सिंग्नल की सूचना देंगे. इसके चलते कोहरे से प्रभावित होने वाली 50 प्रतिशत से अधिकतम ट्रेनें अब दो से तीन घंटे ही देरी से चलेगी. जो कभी 10 से 12 घंटे अधिक देरी से चलती थी. वहीं एक घंटे देरी से चलने वाली ट्रेनों की सूचना यात्रियों को एसएमएस के माध्यम से भी दी जाएगी.
इसके अलावा रेलवे ने कोहरे में ड्यूटी शुरू करने से पहले लोको पायलट और गार्ड को ट्रेनों के संचालन और खराब मौसम के कारण किसी भी विषम परिस्थति से निपटने के लिए ट्रेनिंग भी दी है. वहीं फ्लाइट के पायलट की तर्ज पर लोको पायलट को रूट के मौसम की पूर्व सूचना रिपोर्ट भी दी जाने की व्यवस्था की जा रही है. इसके अलावा रेलवे के अधिकारी भी हर बार की तरह खुद इंजन में बैठकर पेट्रोलिंग करेंगे. वहीं स्टेशन और ट्रेक्स की देखरेख के लिए अलग से लोगों की तैनाती की गई है. कर्मचारियों को अलग लाइनों की जांच के लिए जीपीएस आधारित हैंडहेल्ड उपकरण भी दिए गए हैं.
रेलवे के अनुमान के अनुसार 500 से अधिक ट्रेनें कोहरे से रोज़ाना प्रभावित हो सकती हैं. इससे करीब 5 लाख से ज्यादा रेल यात्री परेशान हो सकते हैं. इन ट्रेनों के लेट होने से रेलवे को करीब 58 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ सकता है. बीते वर्ष सर्दी के मौसम में करीब 700 ट्रेनें कोहरे से रोज़ाना प्रभावित होती थीं. इस बार इसमें करीब 40 प्रतिशत की कमी संभव है. सर्दी में कोहरे से निपटने के लिए करीब 60 से ज्यादा ट्रेने कैंसिल की गई हैं और कई ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी भी कम की गई है. रेलवे ट्रैक्स से इससे ट्रेफिक में कमी आएगी जिससे समन्वय करने में आसानी होगी.