दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
आज के फीटर कार्टून में कीर्तीश भट्ट नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना के स्टैंड का मजाक बना रहे हैं.
बीजेपी के ऐतिहासिक रूप से गलत बयान पर एक प्रफुल्लित करने वाली चुटकी लेते हुए, क्रूतिका सुसाराला ने पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह शासन में उनकी विफलताओं पर व्यंग्य कर रही हैं.
सजिथ कुमार ने तराजू पर एक व्यक्ति के चित्रण के माध्यम से, नागरिकों का ध्यान प्याज की कीमतों में वृद्धि से हटाने के लिए सीएबी का उपयोग करने के लिए भाजपा के ‘रणनीति’ पर तंज किया.
आर प्रसाद गांधी की दूसरी मृत्यु के संबंध में, इस विश्वास के संबंध में कहते हैं कि सीएबी का पारित होना, जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत से पहले गांधी की धर्मनिरपेक्षता को पराजित करता है.
ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैगजीन द्वारा पर्सन ऑफ द ईयर मिलने पर उसे महिला सशक्तिकरण से जोड़ रहे हैं.
अपने कार्टून में, अरिंदम मुखर्जी ने संसद में स्मृति ईरानी के भाषण को पेश किया जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के ‘भारत में बलात्कार’ की टिप्पणी पर चिंता जताई. सीएबी और भारत के आर्थिक संकट पर पूर्वोत्तर में हिंसा से ध्यान हटाने के लिए पीएम मोदी की सरकार की ओर से उनकी नाराजगी एक क्लासिक रणनीति की तरह दिखाई दी.
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