नई दिल्ली: देशभर के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वो अपने राज्यों में इस बिल को लागू नहीं होने देंगे. गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी सरकार इस विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी.
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक को असंवैधानिक बताया और कहा कि उनका राज्य इसे नहीं अपनाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत को धार्मिक तौर पर बांटने की कोशिश कर रही है. ये समानता और धर्मनिरपेक्षता को तहस-नहस कर देगा.
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने वाला नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा से पारित हो गया. लोकसभा सोमवार को ही इसे मंजूरी दे चुकी थी.
गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने की गोलीबारी, दो लोगों की मौत
असम के गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में घायल हुए दो लोगों की बृहस्पतिवार को मौत हो गई. गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति को ‘मृत लाया गया’ था जबकि एक अन्य की इलाज के दौरान मौत हो गई.
अधिकारी हालांकि मृत लोगों के नाम नहीं बता सके. उन्होंने कहा कि उनकी पहचान नहीं हो सकी है.
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असम में हजारों की संख्या में लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आये. प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़पें भी हुई.
प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया, आसू ने रैली की
असम के गुवाहाटी शहर में लगे अनिश्चितकालीन कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए हजारों लोग गुरुवार को शहर के लतासिल मैदान में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ आयोजित ऑल असम स्टुडेंट्स यूनियन (आसू) की रैली में शामिल हुए.
नागरिकता विधेयक के खिलाफ इस सभा के आयोजकों में शिल्पी समाज भी शामिल था और प्रख्यात साहित्यकार, कलाकार, प्रमुख हस्तियां, वकील, छात्र और आम लोग पूरे शहर से सभा में जुटे.
उल्लेखनीय है कि बुधवार शाम से गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू है और विधेयक के खिलाफ हिंसा के मद्देनजर राज्य की राजधानी सहित डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और जोरहाट में सेना बुलाई गई है.
कैब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रही आईयूएमएल
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अध्यक्ष के एम कादिर मोहीदीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी पार्टी नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ सिलसिलेवार प्रदर्शन करने की योजना बना रही है और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इस असंवैधानिक विधेयक को मंजूरी नहीं देने की अपील की जाएगी.
इससे पहले दिन में पार्टी ने विधेयक को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा कि यह संविधान में निहित मौलिक समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है और इसमें धर्म के आधार पर अवैध प्रवासियों के एक वर्ग को नागरिकता देने की बात कही गई है.
उन्होंने कहा कि विधेयक के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के अलावा जनसमर्थन जुटाने के लिये विभिन्न राज्यों की राजधानियों में प्रदर्शन की भी योजना बनाई जा रही है.
मोहीदीन ने कहा कि पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मुलाकात कर उनसे इस विधेयक को मंजूरी नहीं देने का आग्रह करेगा.
कैब को लेकर लोगों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है: सोनोवाल
असम के मुख्यमंत्री सर्बांनंद सोनोवाल ने राज्य के लोगों से एक वीडियो अपील में बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि असम समझौते की धारा छह की भावना के अनुरूप उनकी राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और भूमि अधिकारों की रक्षा की जायेगी.
सोनोवाल ने कहा कि कुछ लोग स्थिति को खराब करने और लोगों को गुमराह करने के लिए भ्रामक जानकारी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब सरमा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है जिसे असम के लोगों के संवैधानिक हितों को सुनिश्चित करने के वास्ते सिफारिशें तैयार करने का काम दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र ने स्पष्ट रूप से कहा है कि समिति की धारा 6 की सिफारिशों को एक समय सीमा के भीतर पूरी तरह से लागू किया जायेगा.
उन्होंने कहा, ‘समिति अपना काम पूरा करेगी और जल्द ही केन्द्र को अपनी सिफारिशें सौंपेगी और इन सिफारिशों को सौंपे जाने के बाद जल्द से जल्द इन्हें लागू किया जायेगा. मेरा विश्वास है कि असम के लोगों को पूरी सुरक्षा मिलेगी.’
सोनोवाल ने समाज के सभी वर्गों से आगे आने और शांति का माहौल बनाने की अपील की.
गौरतलब है कि असम में इस विवादास्पद विधेयक के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो रही है जिस कारण शहर और डिब्रूगढ़ में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा.
विमानन कंपनियों ने रद्द की असम की उड़ानें
नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ असम में जारी व्यापक विरोध प्रदर्शन के कारण विभिन्न विमानन कंपनियों ने राज्य के कई शहरों की उड़ानें बृहस्पतिवार को रद्द कर दी.
उड़ानें रद्द करने वाली विमानन कंपनियों में इंडिगो, विस्तार, एयर इंडिया और स्पाइसजेट शामिल हैं. गोएयर और एयर एशिया ने यात्रा की तारीख बदलने पर लगने वाले शुल्क को समाप्त करने की घोषणा की है.
इंडिगो के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा कि असम में विरोध प्रदर्शनों की स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार को गुवाहाटी तथा डिब्रूगढ़ की उड़ानें रद्द की गयी हैं. उसने कहा, ‘हम इन स्थानों पर अटके यात्रियों के लिये अभी राहत उड़ानें चला रहे हैं, जिसके किराये की अधिकतम सीमा स्थिर है.’
कंपनी ने गुवाहाटी, डिब्रुगढ़ और जोरहाट की उड़ानों के यात्रियों के लिये 13 दिसंबर तक टिकट रद्द करने या यात्रा की तिथि बदलने के लिये शुल्क समाप्त कर दिया है.
एयरएशिया ने कहा कि उसने त्रिपुरा के अगरतला तथा गुवाहाटी जाने और वहां से आने वाली 13 दिसंबर तक की उड़ानों के लिये रद्द करने या तारीख व स्थान बदलने के शुल्क को समाप्त कर दिया है. हालांकि, कंपनी ने कहा है कि यदि किराये में कोई अंतर होगा तो यात्री को उसका वहन करना होगा.
उल्लेखनीय है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संसद में पारित होने के बाद से पूर्वोत्तर राज्यों में बड़े पैमाने पर इसका विरोध किया जा रहा है. असम में इसके बाद से विरोध प्रदर्शन और आगजनी की खबरें आ रही थी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)