नई दिल्ली : विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने नागरिकता संंशोधन विधेयक को लेकर भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में खटास की बात को खारिज किया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया. कुमार ने कहा बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने अपना भारत का दौरा घरेलू वजहों से रद्द किया है कैब के मुद्दे को लेकर नहीं. इसको लेकर मीडिया में चल रही कयासबाजी आधारहीन हैं.
उन्होंने शेख हसीना के उस बयान का जिक्र किया कि है जिसमें उन्होंने कहा है कि शेख मुजीबुर्रहमान के समय में जरूर देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ परेशानी थी लेकिन जबसे शेख हसीना की सरकार है तब से उनके हितों की रक्षा की जा रही है. विदेश मंत्री का दौरा घरेलू वजहों से रद्द किया है. मीडिया में बस कयासबाजी चल रही है जो कि आधारहीन है.
उन्होंने पाकिस्तान को नसीहत दी कि वह भारत को अल्पसंख्यक मसलों पर लेक्चर न दे. पाक अपने यहां अल्पसंख्यकों पर ध्यान दे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर पाकिस्तान की टिप्पणी पर कहा कि जरूरी नहीं है कि हम पाकिस्तान के पीएम के हर बयान पर जवाब दें. उन्होंने कहा कि उनके सभी बयान अनुचित हैं, उन्हें भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के बजाय पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए.
कुमार ने कहा बांग्लादेश के साथ हमारा रिश्ता मजबूत है. जैसा कि दोनों देशों के नेताओं ने कहा है, ‘यह हमारे संबंधों का स्वर्णिम युग है.’
कुमार ने कहा, ‘हमने कभी नहीं कहा कि बांग्लादेश में मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान धार्मिक उत्पीड़न हुआ.
वहीं पाकिस्तान के पीएम इमरान के खान ने भारत में नागरिकता संशोधन विधेयक पर बयान देते हुए कहा है, ‘मोदी के तहत भारत योजनाबद्ध तरीके से एक हिंदू श्रेष्ठतावादी होता जा रहा है, सबसे पहले अवैध रूप से भारत ने कब्जे वाले जम्मू कश्मीर पर अधिकार जमाया, असम के 20 लाख मुस्लिमों की नागरिकता छीनी, उनको कैंपों में डाला और अब नागरिकता संशोधन बिल को पारित किया.’
उन्होंने कहा इसके साथ ही मुसलमानों और अल्पसंख्यकों की भीड़ द्वारा लिंचिंग की गई. दुनिया को ये जानना होगा कि जैसे नाजी की जर्मनी में नरसंहार प्रेरित करने वाली श्रेष्ठतावादी सोच दूसरे विश्व युद्ध तक ले गई थी वैसे ही हिंदू श्रेष्ठतावादी अजेंडा और परमाणु शक्ति होने की पाकिस्तान को धमकी देने से भारी खूनखराबा होगा और इसका दुनिया पर दूरगामी असर होगा.
पाक पीएम ने कहा कि जैसे नाज़ी की जर्मनी में वैसे ही मोदी के भारत में भी विरोध की आवाज़ हाशिए पर चली गई है और दुनिया को इसमें बहुत देर हो उससे पहले दखल देना चाहिए ताकि मोदी के हिंदू श्रेष्ठतावादी अजेंडा, खूनखराबे और युद्ध को रोका जा सके.