दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चुने गये दिन के सबसे अच्छे कॉर्टून
आज के फीचर कार्टून में आलोक निरंतर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संसोधन विधेयक पर निशाना साध रहे हैं. उनका कहना है कि आर्थिक मंदी और बेरोज़गारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के इतर इस पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
कीर्तिश भट्ट ने दो महिलाओं को यह सोचकर चित्रित किया कि जब नागरिक महिलाओं के खिलाफ अपराधों के संबंध में अपने व्यवहार में संशोधन करेंगे, उस समय जब नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है.
मीका अजीज ने मुसलमानों को नागरिकता (संशोधन) विधेयक से बाहर करने पर शाह का चित्रण किया.
नाला पोनप्पा ने दिखाया कि कैसे कर्नाटक विधानसभा उपचुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को संसद में बहस से बाहर कर दिया.
आर प्रसाद वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया हमारा परिवार है) के प्राचीन हिंदू दर्शन के हिंदुत्व समर्थकों की याद दिलाकर सीएबी के पारित होने पर व्यंग्य करते हैं.
संदीप अध्वर्यु ने सत्ता में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए पीएम मोदी के नए नारे को याद किया – सबका साथ, सबका साथ, सबका विकास और विश्वास ’.
अरिंदम मुखर्जी क्रिश्चियन प्रार्थना के जरिए- हमारे पिता जो स्वर्ग में कला करते हैं, उन्हें आपका नाम दिया गया है.