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Wednesday, 20 November, 2024
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राज्य सभा की अग्नि परीक्षा पास कर पाएगा नागरिकता संशोधन विधेयक, क्या कहता है अंक गणित

सरकार की रणनीति है कि जिस तरह तीन तलाक विधेयक और जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का विधेयक राज्यसभा में पास करवाया था, उसी तरह वह इस विधेयक को भी पास करा लेगी.

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नई दिल्ली: लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पास करने के बाद सरकार की असली परीक्षा राज्यसभा में है. यह बिल राज्यसभा में आज दोपहर पेश किया जायेगा. सरकार सोमवार को यह बिल लोकसभा में 311 मतों से पास करवाने में कामयाब रही थी, लेकिन राज्यसभा में सरकार की राह आसान नहीं होगी. उच्च सदन में सरकार के पास बहुमत नहीं है. इसके चलते उसे अन्य दलों का साथ लेना ज़रूरी हो जाएगा. सरकार की रणनीति है कि जिस तरह तीन तलाक विधेयक और जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का विधेयक राज्यसभा में पास करवाया था. उसी प्लान के तहत सरकार इस बिल को भी पास करवा लेगी.

राज्य सभा में एनडीए और यूपीए की स्थिति

राज्यसभा की सीटों की स्थिति पर नज़र डाले तो एनडीए गठबंधन में सबसे ज्यादा 83 सांसद भाजपा के है. वहीं जेडीयू के 6 सांसद है. जेडीयू ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया था. लेकिन उनके नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा इस बिल के विरोध में नज़र आए थे. पार्टी में इस बिल को लेकर एक राय नहीं है. वहीं एनडीए में शिरोमणी अकाली दल के 3 सदस्यों सहित अन्य छोटी पार्टियों के 14 सदस्य है. ऐसे में एनडीए के पास कुल 106 का आंकड़ा है.


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वहीं अगर राज्यसभा में यूपीए के गठबंधन पर नज़र डाले तो कांग्रेस पार्टी के पास 46 सदस्य हैं. इनके अलावा आरजेडी और एनसीपी के पार्टी कुल 8 सांसद है. इनके अलावा डीएमके के पांच सांसद है. इसके अलावा अन्य यूपीए समर्थित पार्टी के तीन सांसद है.ऐसे में कुल यूपीए के पास 62 ही सदस्य है.

अन्य दलों की यह है स्थिति

कुछ दल ऐसे हैं जो दोनों प्रमुख गठबंधन में शामिल नहीं है. लेकिन विचारधारा और राजनीति एजेंडे के तहत इन सभी दलों का नज़रिया हर बार बदलता रहताा है. इनमें तृणमूल कांग्रेस के 13 सांसद, समाजवादी पार्टी के 9, टीआरएस के 6, सीपीएम के 5, बीएसपी के 4 और आम आदमी पार्टी के तीन राज्यसभा सांसद है. इनके अलावा पीडीपी के दो, सीपीआई के एक और जेडीएस का भी एक सांसद है. यह सभी 44 सांसद है.

यह दल है सरकार के पक्ष में

एआईडीएम के 11 संसद सदस्य, बीजेडी के 7, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के दो और तेलुगू देशम पार्टी के दो सांसद है. इसके अलावा हाल ही में भाजपा गठबंधन से अलग हुई शिवसेना के भी राज्यसभा में 3 सांसद मौजूद है. अगर लोकसभा के व्यवहार को देखें तो यह सभी पार्टी सरकार के पक्ष में मतदान करेंगी. हालांकि अब शिव सेना अपना रुख बदलती नज़र आ रही है और कह रही है कि वे इस बिल का तभी समर्थन करेगी अगर उनके द्वारा पेश किए गए संशोधन पारित किए जाते हैं. अब देखना होगा कि शिवसेना इसका समर्थन करती है या वॉक-आउट करती है. लोक सभा की वोटिंग के आधार पर कहा जा सकता है कि कुल 28 सदस्य सरकार के पक्ष में दिखाई दे रहे है.

इन सभी के अलावा राज्यसभा में 12 नामित सदस्यों में आठ भाजपा में शामिल हो गए है. वहीं चार सदस्य अभी भी नामित सूची में शामिल है. चार में से तीन एनडीए और एक यूपीए के पक्ष में वोट कर सकते है.

बिल पर सरकार को पूर्ण समर्थन

राज्यसभा में कुल 245 सीटें हैं. इनमें से पांच सीटें रिक्त है. इनमें दो बिहार, एक हिमाचल और एक ओडिशा की सीट खाली है. फिलहाल एनडीए के पास एनडीए के पास 106 सांसद मौजूद हैं. वहीं किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होने वाले 28 सदस्य और 3 नामित सदस्यों को साथ मिल जाए तो सरकार के समर्थन का आंकड़ा 137 हो जाता है. वहीं यूपीए के कुल 62 सदस्यों के अलावा अन्य किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं पार्टियों के 44 सांसद विरोध करते है तो यह आंकड़ा कुल 106 तक ही पहुंच पाता है.

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