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Thursday, 21 November, 2024
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हैदराबाद में हुए एनकाउंटर पर उठ रहे हैं सवाल, न्याय का आधार क्या हो – कानून या एनकाउंटर

अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'जिस तरह से लोग न्यायिक व्यवस्था से विश्वास खोते जा रहे हैं यह चिंताजनक है. सभी सरकारों को एक साथ मिलकर कैसे न्यायिक व्यवस्था को मजबूत किया जाए इसपर काम करना चाहिए.'

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नई दिल्ली: हैदराबाद में एक पशु-चिकित्सक के सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों के शुक्रवार तड़के पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने का निर्भया के माता-पिता ने स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ऐसी कार्रवाईयों के प्रति सचेत रहने की हिदायत दी है.

इस मामले पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. संसद में भी इस मामले को उठाया गया है. कई लोग पुलिस के कदम पर खुशी जता रहे हैं तो कई लोग इसकी वैधानिकता और कानून की बात कर रहे हैं. कांग्रेस नेता एवं लोकसभा सांसद शशि थरूर ने कहा कि न्यायेतर हत्याएं स्वीकार्य नहीं है.

मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि न्याय के लिए एनकाउंटर सही तरीका नहीं हो सकता है. इस तरह के कामों से न्यायिक व्यवस्था कमज़ोर होगी.

थरूर ने ट्वीट किया, ‘सैद्धांतिक रूप से सहमत हूं. हमें और जानने की जरूरत है, उदाहरण के लिए अगर आरोपियों के पास हथियार थे तो पुलिस की गोली चलाना सही था. विस्तृत जानकारी मिलने तक इसकी निंदा करना सही नहीं है, लेकिन कानून के समाज में न्यायेतर हत्याएं स्वीकार्य नहीं है.’

वहीं दूसरी तरफ निर्भया की मां हैदराबाद पुलिस के कदम से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा, ‘हैदराबाद की चिकित्सक के परिवार को हमारी तरह न्याय के लिए सात वर्ष का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. पुलिस ने सही किया.’

निर्भया की मां ने अधिकारियों ने अपील की है कि मुठभेड़ में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ कोई कार्रवाई ना की जाए.

गौरतलब है कि 23 वर्षीय परा-चिकित्सक छात्रा निर्भया के साथ दिसम्बर 2012 में सामूहिक बलात्कार किया गया था और कुछ दिन इलाज के बाद उसने दम तोड़ दिया था.

निर्भया के पिता ने भी मुठभेड़ का स्वागत करते हुए कहा कि परिवार का न्याय के लिए इंतजार जल्दी खत्म हो गया.

राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि आरोपियों के मारे जाने से खुश हूं, लेकिन न्याय उचित कानूनी तरीके से किया जाना चाहिए.

न्यायिक व्यवस्था को मजबूत किया जाए : केजरीवाल

बाबा रामदेव ने तेलंगाना एनकाउंटर पर कहा कि पुलिस ने साहसिक काम किया है और मैं कहना चाहूंगा कि न्याय मिल गया है. इस मामले में जो भी कानूनी पहलू है वो अलग बात है. लेकिन मैं आश्वस्त हूं कि देश के लोग अब शांति में होंगे.

रामदेव ने कहा कि जो इस तरह के अपराधी होते हैं, कलंक हैं, जिनसे देश, धर्म, संस्कृति बदनाम होती है, उनके साथ और जो आतंकवादी हैं उनके साथ सेना और पुलिस को ऐसी ही कार्रवाई करनी चाहिए. जिन घटनाओं में संदेह हैं उन्हें कोर्ट में ले जाना चाहिए.

भाजपा नेता मेनका गांधी ने कहा जो हुआ है बहुत भयानक हुआ है देश के लिए. आप कानून को अपने हाथों में नहीं ले सकते. उन लोगों को कोर्ट के द्वारा सजा मिलनी चाहिए थी. अगर आप पूरी प्रक्रिया से पहले ही उन्हें मार देंगे तो कोर्ट, पुलिस और न्याय की जरूरत क्या है.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बीते दिनों हैदराबाद और उन्नाव में जो हुआ उससे लोगों में गुस्सा था. इसलिए लोग इस एनकाउंटर पर खुशी जाहिर कर रहे हैं. लेकिन जिस तरह से लोग न्यायिक व्यवस्था से विश्वास खोते जा रहे हैं यह चिंताजनक है. सभी सरकारों को एक साथ मिलकर कैसे न्यायिक व्यवस्था को मजबूत किया जाए इसपर काम करना चाहिए.

समाजवादी पार्टी से राज्य सभा सांसद जया बच्चन ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए…देर आए, बहुत देर आए.

हैदराबाद पुलिस से प्रेरणा ले उत्तर प्रदेश पुलिस :मायावती

हैदराबाद में पशु-चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों के शुक्रवार तड़के पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उप्र पुलिस को हैदराबाद पुलिस से प्रेरणा लेनी चाहिये.

उन्होंने कहा कि सख्त कदम उठाने चाहियें लेकिन दुख की बात है कि पुलिस आरोपित लोगों को सरकारी मेहमान बनाकर रखे हुये है, उत्तर प्रदेश पुलिस को बदलना होगा.

मायावती ने शुक्रवार को यहां कहा, ‘उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार का शासन है मेरा यहां की पुलिस से यह कहना है कि उनको हैदराबाद पुलिस से प्रेरणा लेनी चाहिये और सख्त कदम उठाने चाहिये.’’

उन्होंने कहा, ‘दुख की बात यह है कि चाहे दिल्ली हो या उत्तर प्रदेश ज्यादातर जो हमारे पुलिसकर्मी हैं आरोपित लोगो को सरकारी मेहमान बनाकर उनको रखे हुये है. मैं समझती हूं कि बड़े शर्म की बात है कि दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस को खुद को बदलना होगा.‘

उन्होंने कहा, ‘मैं समझती हूं इससे बलात्कारियों में दहशत पैदा होगी तो आगे ऐसी घटनायें रूक सकती हैं. लोगों में कानून का डर नहीं है. जब मेरी सरकार थी तब चाहे वह मेरी पार्टी के लोग ही क्यों न हो मैंने उनको जेल भेजा ‘

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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