मुंबई : भारी राजनीतिक उठा-पटक के बीच राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद कांग्रेस नेता नाना पटोले को महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार किशन कथोरे ने रविवार को इस पद के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया था. नामांकन वापस लेने की समयसीमा रविवार को सुबह 10 बजे तक थी.
The #MahaVikasAghadi candidate & Congress leader Nana Patole has been elected as Maharashtra Assembly Speaker. pic.twitter.com/SAgE24kR0C
— ANI (@ANI) December 1, 2019
विधानसभा में नाना पटोले के अध्यक्ष चुने जाने के बाद महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘नाना पटोले भी एक किसान परिवार से आते हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि वह सभी को न्याय दिलाएंगे.’
Maharashtra CM Uddhav Thackeray in assembly after Congress leader Nana Patole elected as Speaker: Nana Patole has also come from a farmer family & I am very confident that he will give justice to everyone. https://t.co/L0GalGQlxl pic.twitter.com/X7MlUSZpQb
— ANI (@ANI) December 1, 2019
भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने विधानसभा में कहा, ‘हमने विधानसभा स्पीकर के पद के लिए किसन कथोरे को नामित किया था. लेकिन सर्वदलीय बैठक में अन्य दलों ने हमसे अनुरोध किया और यह परंपरा रही है कि स्पीकर को निर्विरोध नियुक्त किया जाता है. इसलिए हमने अनुरोध स्वीकार कर लिया और अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया.’
BJP's Devendra Fadnavis in state assembly: We had nominated Kisan Kathore for the post of assembly speaker, but in all-party meeting, other parties requested us&its has been a tradition that speaker is appointed unopposed, so we accepted the request&withdrew our candidate's name. pic.twitter.com/GHb2fevpIs
— ANI (@ANI) December 1, 2019
कांग्रेस ने राज्य विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्तारूढ़ शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर पार्टी विधायक पटोले के नाम का शनिवार को एलान किया जबकि भाजपा ने कथोरे को अपना प्रत्याशी बनाया था.
पटोले विदर्भ में साकोली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं जबकि कथोरे ठाणे में मुरबाड से विधायक हैं. यह दोनों का विधायक के तौर पर चौथा कार्यकाल है.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार ने शनिवार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया.
कुल 288 सदस्यों वाले सदन में मतदान से पहले भाजपा के 105 विधायकों के वॉकआउट करने के बाद कुल 169 विधायकों ने विश्वास मत के पक्ष में वोट दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)