उपग्रह की नजर में रहेंगे वृक्षारोपण अभियान में लगे पेड़ और जंगल : जावड़ेकर
केंद्रीय मंत्री ने जावड़ेकर कहा कि हरित और वन क्षेत्र में विस्तार के लिए पिछले पांच साल में 12 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं. पेड़ों के उचित रखरखाव और वृद्धि पर निगरानी के लिए उपग्रह आधारित तंत्र विकसित किया जा रहा है.
नई दिल्ली : पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि देश के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिये शुरू किए सघन वानकीकरण और वृक्षारोपण अभियान में लगे पेड़ों की निगरानी में उपग्रह की मदद ली जाएगी.
जावड़ेकर ने देश के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिये गठित ‘कैंपा फंड’ के व्यय की समीक्षा के लिए सभी राज्यों के वन मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि हरित और वन क्षेत्र में विस्तार के लिए पिछले पांच साल में 12 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं. पेड़ों के उचित रखरखाव और वृद्धि पर निगरानी के लिए उपग्रह आधारित तंत्र विकसित किया जा रहा है.
गौरतलब है कि, सरकार ने विकास परियोजनाओं के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिये 2009 में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 47 हजार करोड़ रुपए का एक पृथक कोष (कैंपा फंड) स्थापित किया. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री की अध्यक्षता वाले कैंपा फंड के तहत सभी राज्यों को विकास कार्यों के कारण हरित क्षेत्रों को होने वाले नुकसान की भरपाई, नए हरित क्षेत्र विकसित करके की जाती है.
जावड़ेकर ने बताया कि कैंपा फंड के तहत चल रहे वानिकीकरण एवं वृक्षारोपण अभियानों की समीक्षा के लिये पिछले चार महीनों में यह दूसरी बैठक थी. इसमें बिहार के वन मंत्री सुशील कुमार मोदी सहित 12 राज्यों के वन मंत्रियों और अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
उन्होंने बताया कि पूरे देश में लगाये जा रहे पेड़ों की सघन निगरानी उपग्रह की मदद से की जाएगी.
जावड़ेकर ने कहा,’ इसमें जियो कोऑर्डीनेट तकनीक से पेड़ों का ब्योरा सूचीबद्ध कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक विशिष्ट अवधि में कितना जंगल लगा और इसकी वार्षिक वृद्धि कैसी और कितनी है.’
उन्होंने बताया,’इससे यह भी पता चल सकेगा कि पिछले पांच साल में लगाये गए 12 करोड़ पेड़ किस गति से बढ़ रहे हैं, इनमें से कितने बचे और कितने नष्ट हो गए. उपग्रह से मिली इस तरह की सभी जानकारियां सार्वजनिक की जाएगी. इसके लिये पूरा तंत्र विकसित किया जा रहा है.’
जावड़ेकर ने कहा कि इस कड़ी में देश के वन क्षेत्र की वस्तु स्थिति का ब्योरा अगले महीने वन सर्वेक्षण रिपोर्ट में जारी किया जाएगा.
बैठक में राज्यों से मिले सुझावों के बारे में उन्होंने बताया कि राज्यों ने इस साल कैंपा फंड के तहत हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिये किये गये उपायों की जानकारी दी. ओडिशा सहित कुछ दूसरे राज्यों के अनूठे प्रयासों से अन्य राज्य रूबरू हुए.
जावड़ेकर ने कहा कि सभी राज्यों से अगले साल जनवरी से मई के बीच होने वाले वानिकीकरण अभियान की कार्ययोजना आगामी 19 से 21 दिसंबर के बीच पेश करने को कहा गया है.
नई दिल्ली : पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि देश के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिये शुरू किए सघन वानकीकरण और वृक्षारोपण अभियान में लगे पेड़ों की निगरानी में उपग्रह की मदद ली जाएगी.
जावड़ेकर ने देश के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिये गठित ‘कैंपा फंड’ के व्यय की समीक्षा के लिए सभी राज्यों के वन मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि हरित और वन क्षेत्र में विस्तार के लिए पिछले पांच साल में 12 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं. पेड़ों के उचित रखरखाव और वृद्धि पर निगरानी के लिए उपग्रह आधारित तंत्र विकसित किया जा रहा है.
गौरतलब है कि, सरकार ने विकास परियोजनाओं के कारण पर्यावरण को हो रहे नुकसान की भरपाई के लिये 2009 में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 47 हजार करोड़ रुपए का एक पृथक कोष (कैंपा फंड) स्थापित किया. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री की अध्यक्षता वाले कैंपा फंड के तहत सभी राज्यों को विकास कार्यों के कारण हरित क्षेत्रों को होने वाले नुकसान की भरपाई, नए हरित क्षेत्र विकसित करके की जाती है.
जावड़ेकर ने बताया कि कैंपा फंड के तहत चल रहे वानिकीकरण एवं वृक्षारोपण अभियानों की समीक्षा के लिये पिछले चार महीनों में यह दूसरी बैठक थी. इसमें बिहार के वन मंत्री सुशील कुमार मोदी सहित 12 राज्यों के वन मंत्रियों और अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
उन्होंने बताया कि पूरे देश में लगाये जा रहे पेड़ों की सघन निगरानी उपग्रह की मदद से की जाएगी.
जावड़ेकर ने कहा,’ इसमें जियो कोऑर्डीनेट तकनीक से पेड़ों का ब्योरा सूचीबद्ध कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एक विशिष्ट अवधि में कितना जंगल लगा और इसकी वार्षिक वृद्धि कैसी और कितनी है.’
उन्होंने बताया,’इससे यह भी पता चल सकेगा कि पिछले पांच साल में लगाये गए 12 करोड़ पेड़ किस गति से बढ़ रहे हैं, इनमें से कितने बचे और कितने नष्ट हो गए. उपग्रह से मिली इस तरह की सभी जानकारियां सार्वजनिक की जाएगी. इसके लिये पूरा तंत्र विकसित किया जा रहा है.’
जावड़ेकर ने कहा कि इस कड़ी में देश के वन क्षेत्र की वस्तु स्थिति का ब्योरा अगले महीने वन सर्वेक्षण रिपोर्ट में जारी किया जाएगा.
बैठक में राज्यों से मिले सुझावों के बारे में उन्होंने बताया कि राज्यों ने इस साल कैंपा फंड के तहत हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिये किये गये उपायों की जानकारी दी. ओडिशा सहित कुछ दूसरे राज्यों के अनूठे प्रयासों से अन्य राज्य रूबरू हुए.
जावड़ेकर ने कहा कि सभी राज्यों से अगले साल जनवरी से मई के बीच होने वाले वानिकीकरण अभियान की कार्ययोजना आगामी 19 से 21 दिसंबर के बीच पेश करने को कहा गया है.