मोदी सरकार का कहना है कि वोटर लिस्ट को आधार से जोड़ने से एक ही मतदाता के कई नामांकन की समस्या हल हो जाएगी-मजबूत योग्यता है लेकिन चुनावी सुधार सिलेक्टिव नहीं हो सकते हैं. इलेक्टोरल बॉन्ड देने वालों की पहचान उजागर करने की मांग करना मजबूत तर्क है जिसे सरकार ने नकार दिया है. यह दोहरा मापदंड है.