पिछले 8 सालों में महिलाओं द्वारा दूसरी बार सिविल सर्विसेज एग्जाम में टॉप-3 रैंक में आना इस अत्यधिक प्रतिस्पर्द्धी परीक्षा के लिए किए गए प्रयासों को दिखाता है. इससे और ज्यादा महिलाओं को इस परीक्षा को पास करने की प्रेरणा मिलेगी जो कि पारंपरिक रूप से लैंगिक असंतुलन का शिकार रहा है.