पंजाब में दांव लगाने वाले सभी राजनीतिक दलों – कांग्रेस, आप, अकालियों, भाजपा-अमरिंदर सिंह – ने सर्वसम्मति से गुरुद्वारों में ‘बेअदबी’ की निंदा की है. किसी ने भी लिंचिंग पर सवाल उठाने की हिम्मत नहीं की. भीड़ के न्याय के साथ यह स्वीकृति दुखद और डरावनी है. यह संविधान और कानून के शासन के प्रति उनके कमिटमेंट की अनदेखी को दर्शाता है.